‘नारा ए तकबीर, अल्लाह हु अकबर’ ये वो मजहबी नारा है, जिसे चिल्ला-चिल्लाकर कुछ कट्टरपंथी मुसलमान बांग्लादेश में हिन्दुओं पर लगातार कहर बरपा रहे हैं। लगातार हिन्दुओं पर मुस्लिमों की उन्मादी भीड़ हमले कर रही है। लेकिन, मुहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली कट्टरपंथी सरकार अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर एकदम से मौन धारण किए हुए है। बल्कि वे हिन्दुओं पर हमले को लगातार नॉर्मलाइज करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में बुधवार को पुराने ढाका में सैकड़ों की संख्या में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने एक रैली निकाली और हिन्दुओं को त्योंहारों को बैन करने की मांग की।
एक्स हैंडल हिन्दू वायस की रिपोर्ट के अनुसार, ओल्ड ढाका में मकर संक्रांति को बैन करने को लेकर ये रैली निकाली। हैंडल ने इसका वीडियो भी शेयर किया गया है, जिसमें बाजार में इस्लामिक कट्टरपंथियों को रैली निकालते और बंद करो-बंद करो, अल्लाह हु अकबर के मजहबी नारेबाजी करते देखा जा सकता है।
इस पर आक्रोश व्यक्त करते हुए अरिहंत आर्या नाम के यूजर ने कमेंट किया कि मुसलमान हमेशा से मुसीबतें ही खड़ी करते आए हैं, इसीलिए इन्हें इजरायल वाले इलाज की जरूरत है।
वहीं तरुण नाम के यूजर ने बांग्लादेशी हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए आवाज को बुलंद करने का आह्वान किया है।
गौरतलब है कि बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना की सरकार के गिरने के बाद से लगातार हिन्दुओं पर टार्गेटेड अटैक किए जा रहे हैं। सरकार चला रही बीएनपी के गुंडे खुलेआम हिन्दुओं के कत्लेआम की धमकियां देते हैं। बावजूद इसके मोहम्मद यूनुस इस मामले में अपनी विफलता पर पर्दा डालते हुए कहते हैं कि अल्पसंख्यकों के खिलाफ हुए हमले राजनीतिक हैं। सरकार का कहना है कि हिंसा की कुछेक घटनाएं ही सांप्रदायिक थीं।
हिंदू आबादी के खिलाफ कट्टरपंथियों की हिंसक मुहिम को लेकर दुनिया भर में आलोचना का सामना कर रही बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने दावा किया है कि हिंसा की कुछ घटनाएं ही सांप्रदायिक थीं, जबकि ज्यादातर मामले राजनीतिक थे।
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