इंटरनेट पर एफिलिएट मार्केटिंग लाभ का सौदा है। इस लेख के लिए शोध के दौरान मुझे यह जानकारी मिली कि फ्लिपकार्ट एफिलिएट मार्केटिंग के लिए 15 प्रतिशत तक कमीशन देता है जबकि अमेजॉन के मामले में यह 10 प्रतिशत है। वहीं हबस्पॉट 15 प्रतिशत मासिक कमीशन देता है और पहले महीने में तो 100 प्रतिशत तक की राशि भी दे सकता है।
वेबसाइट होस्टिंग करने वाली कंपनी होस्टिंगर 50 प्रतिशत तक कमीशन देती है, ऐसा कहा जाता है। पर आपको एफिलिएट लिंक मिलेंगे कैसे, यह सवाल मन में आना स्वाभाविक है। जवाब है, इंटरनेट पर अमेजॉन एसोसिएट्स (affiliate-program. amazon. com), अर्नकरो.कॉम (earnkaro.com), शॉपिफाई (shopify.com), क्लिकबैंक (clickbank.com) आदि वेबसाइटें यही सेवा प्रदान कर रही हैं। वहां सदस्यता लीजिए और मनचाहे एफिलिएट लिंक हासिल कर लीजिए। एफिलिएट मार्केटिंग की शुरुआत ऐसे की जा सकती है:
विषय का चयन करें : सबसे पहला कदम अपनी रुचियों के आधार पर एक विषय या क्षेत्र चुनना है। उदाहरण के लिए, अगर आप फिटनेस के बारे में जानते हैं, तो आप फिटनेस से जुड़े उत्पादों या स्वास्थ्य संबंधी कंटेंट पर ध्यान केंद्रित कर सकते हैं।
वेब ठिकाना बनाएं : आपको एक ऐसा ठिकाना (वेबसाइट, ब्लॉग, वीडियो चैनल आदि) बनाना होगा जहां आप एफिलिएट लिंक डाल सकें। उदाहरण के लिए, एक फिटनेस की वेबसाइट में आप फिटनेस, डायटिंग, स्वास्थ्य और चिकित्सा आदि से जुड़े उत्पादों के बारे में लिख सकते हैं और अपने लेखों के साथ एफिलिएट लिंक साझा करके उन्हीं क्षेत्रों से जुड़े उत्पादों की ओर अपने प्रयोक्ताओं को प्रेरित कर सकते हैं।
एफिलिएट प्रोग्राम से जुड़ें : भारत में कई कंपनियां एफिलिएट प्रोग्राम आफर करती हैं, जैसे: फ्लिपकार्ट, अमेजॉन, कमीशन जंक्शन और विगलिंक, जिनके साथ भागीदारी में यह काम शुरू किया जा सकता है। आप चाहें तो एक से अधिक कंपनियों के एफिलिएट लिंक भी पोस्ट कर सकते हैं।
कंटेंट बनाना : अब आपको गुणवत्तापूर्ण कंटेंट बनाना होगा जो आपके दर्शकों के लिए आकर्षक, दिलचस्प, लाभदायक या ज्ञानवर्धक हो। इस कंटेंट को वेबसाइट के लेख, ब्लॉग पोस्ट, यूट्यूब वीडियो, इंस्टाग्राम की पोस्ट आदि के जरिए साझा किया जा सकता है। एफिलिएट मार्केटिंग के अनुकूल कंटेंट का उदाहरण देखिए। अगर आपके पास किसी मोबाइल फोन विनिमति का एफिलिएट लिंक है तो क्यों न आपकी वेबसाइट पर एक अच्छा लेख नए मोबाइल फोन मॉडलों पर डाल दिया जाए।
वेब ट्रैफिक लाना : अपनी वेबसाइट या ब्लॉग को एफिलिएट मार्केटिंग के लिहाज से लाभदायक बनाने के लिए जरूरी है कि उस पर अधिक से अधिक पाठकों, दर्शकों आदि को आकर्षित किया जाए। इसके लिए न सिर्फ कंटेंट अच्छा होना चाहिए बल्कि सोशल मंचों पर वेबसाइट का प्रचार-प्रसार भी किया जाना चाहिए और सर्च इंजन आदि पर वह प्रमुखता से दिखाई जाए, इस पर कुछ काम करना चाहिए जिसे सर्च इंजन आप्टिमाइजेशन (एस.ई.ओ.) कहा जाता है।
आमदनी : जब लोग आपके एफिलिएट लिंक के जरिए खरीदारी करते हैं, तो आपको कमीशन मिलेगा। आम तौर पर यह धनराशि हर महीने स्वत: आपके बैंक खाते में भेज दी जाती है। एफिलिएट कंपनियां आपकी आय को दिखाने में अमूमन ईमानदारी बरतती हैं।
प्रदर्शन का आकलन : एफिलिएट मार्केटिंग की आपकी कोशिशें कितनी सफल हो रही हैं, इसका आकलन और विश्लेषण करते रहना आवश्यक है। तभी इस काम में आवश्यक समायोजन किया जा सकता है। आप जिन कंपनियों के लिए एफिलिएट मार्केटिंग करते हैं, वे आपको अपने डैशबोर्ड में कई तरह का डेटा दिखाती हैं ताकि आप उससे निष्कर्ष निकाल सकें यह और जान सकें कि यह क्या अच्छा काम करता है, क्या नहीं। गूगल एनालिटिक्स की भी मदद ली जा सकती है।
(लेखक माइक्रोसॉफ़्ट एशिया में वरिष्ठ अधिकारी हैं)
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