ब्रिटेन के ग्रूमिंग गैंग के किस्से ऐसे हैं कि कम होने का नाम ही नहीं ले रहे हैं। जहां एक तरफ सरकार इन पीड़ाओं को दबाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है तो वहीं सोशल मीडिया पर अब वे लड़कियां एक तरफ खुद सामने आ रही हैं, जो पीड़ित रही थीं, तो वहीं दूसरी तरफ उनकी कहानियाँ और लोग भी साझा कर रहे हैं। यह भी हैरान करने वाली बात है कि कई पीडिताओं ने अपनी पीड़ा को कलमबद्ध भी किया है, मगर यह और भी हैरान करने वाली बात है कि पश्चिम के कम्युनिस्ट मीडिया ने उन पुस्तकों पर ध्यान ही नहीं दिया।
ऐसी ही एक पीडिता रही सारा विल्सन। सारा विल्सन की कहानी भी एक यूजर ने सोशल मीडिया पर साझा की थी। और खोजने पर पता चला कि सारा विल्सन के साथ भी यौन उत्पीड़न की हर हद पार हो गई थी। उनकी बहन का कत्ल कर दिया गया था। उनके साथ यातनाओं का एक लंबा सिलसिला चला था।
www.bigissuenorth.com पर उनके जीवन की इस यातनापूर्ण दौर का कुछ अंश दिया गया है। सारा विल्सन की बहन थी लौरा विल्सन। लौरा विल्सन हालांकि ग्रूमिंग का शिकार नहीं हुई थीं, मगर उनके साथ उनके कथित बॉयफ्रेंड ने जो किया, वह और भी अधिक डराने वाला है। लौरा विल्सन को पहली ऐसी श्वेत पीड़िता कहा जा सकता है, जो पाकिस्तानी मुस्लिम गैंग का शिकार हुई थी।
17 वर्षीय लौरा विल्सन का बॉयफ्रेंड अश्तियाक असगर का जन्म भी ब्रिटेन में ही हुआ था, मगर उसके पाकिस्तानी मूल के अम्मी अब्बू उसका निकाह पाकिस्तान की लड़की से ही करना चाहते थे और उसने लौरा से कहा था कि वह उनके रिश्तों को गोपनीय ही रखे।
हालांकि वर्ष 2010 में हुई इस हत्या को आनर किलिंग अर्थात इज्जत के नाम पर की गई हत्या माना था, क्योंकि लौरा असगर के घर पर चली गई थी और उसने बताया था कि वह उसके साथ रिश्ते में है। इसे लेकर असगर ने उसका कत्ल कर दिया था। हालांकि उसने उसे चाकू से मारकर पानी में फेंक दिया था, मगर जब उसने लौरा को पानी में फेंका था, उस समय वह जिंदा थी।
यह बात जज ने भी फैसला सुनाते हुए भी कही थी। यूके में ग्रूमिंग गैंग्स के दोबारा से चर्चा के बीच अब लौरा की माँ ने यह कहा है कि वह इस स्कैंडल में नए सिरे से जांच चाहती हैं। डेली मेल के अनुसार अश्तियाक असगर द्वारा लौरा की हत्या के बाद एक जांच की गई, उसने रॉदरहैम काउंसिल के अधिकारियों की आलोचना की, क्योंकि उन्हें पता चला कि कैसे मात्र 11 वर्ष की आयु से ही उसे शहर के गिरोहों द्वारा शिकार बनाया जा रहा था। लौरा का शोषण एक ने नहीं बल्कि कई लोगों ने किया था।
जब लौरा असगर के परिवार को यह बताने गई तो 17 वर्षीय असगर ने उसे 40 बार चाकू से मारा था और फिर उसे नहर में फेंक दिया था। असगर को साढ़े सत्रह साल की सजा सुनाई गई थी। जब लौरा की हत्या की गई थी, उस समय उसके एक बेटी भी थी। और वह बेटी असगर के दोस्त इशाक हुसैन से थी।
इस मामले की सुनवाई करते हुए जज डेविस ने कहा था कि उन्हें लगता है कि असगर श्वेत लड़कियों को “यौन शिकार” समझता था, न कि उन्हें इंसान मानता था। यह भी मीडिया में रिपोर्ट्स थी कि जब लौरा असगर के घर गई थी तो लौरा पर नस्लीय टिप्पणियाँ की गईं थीं और उनका अपमान किया गया था।
लौरा की बहन सारा विल्सन का कहना है कि हत्या में कैसी इज्जत? यह इज्जत के नाम पर की गई हत्या नहीं थी। उनका मानना है कि उसका कातिल ग्रूमर जैसा ही बुरा था। उसे लगता था कि कोई उसे छू नहीं सकता।
सारा विल्सन कहती हैं कि उनके शिकारी उनपर हावी होते गए। उन्होनें स्वीकारा कि 11 वर्ष की उम्र में उन्होनें ओरल सेक्स किया था और 12 वर्ष की उम्र में उन्होनें अपना कौमार्य खो दिया था। उनका कहना है कि उनके दिमाग को इस कदर बदगुमान कर दिया गया था कि उन्हें कुछ होश नहीं था।
www.bigissuenorth.com में उनके हवाले से लिखा है कि ““उन्होंने मुझे ड्रग्स और शराब की लत लगा दी, जो कि ब्रेन वाश का ही हिस्सा होता है। उन्होंने मेरे लिए सामान खरीदे और इसके बदले में मुझसे काफी कुछ पाने की उम्मीद की। यह इसी तरह काम करते हैं। मुझे इन सबका अंदाजा नहीं था। जब तक वे आप पर हावी रहते हैं, तब तक वे यही सोचते हैं कि उन्हें कोई छू नहीं सकता है।“
जब उनसे यह पूछा गया कि आखिर वे कैसे उनके लिए तैयार हो गईं तो सारा का जबाव था कि यह सब उनके कारण हुआ। वे कहती हैं कि वे किसी का होना चाहती थीं। और उन लोगों ने अपने आपको ऐसा आदमी बताया। मैंने नहीं देखा कि मेरी माँ एक अच्छी माँ थी क्योंकि उन्होंने मेरे दिमाग में मेरे माँ के खिलाफ जहर भर दिया था।“
“मेरी माँ ने उनमें से एक का गला पकड़ लिया और कहा: ‘वह 12 साल की है, तुम उसके साथ क्या कर रहे हो?’ और वे वहीं खड़े रहे और हँसे। और फिर भी वे मुझे लेकर चले गए।“
विल्सन ने स्कूल जाना बंद कर दिया था और दिन भर ड्रग और सेक्स में ही वे लगी रहती थीं। वे अपने एक ग्रूमर के घर चली गई थीं। उनके कथित बॉयफ्रेंड्स उन्हें बेचकर पैसा कमा रहे थे। सारा ने कई बार अपनी जान लेने की कोशिश की थी। मगर उन्होनें इससे लड़ने का इरादा किया और अपने अपराधियों को दंड दिलाने का प्रण लिया। विल्सन के साथ यौन शोषण करने वाले दो भाइयों राजवान और उमर रज़ाक को वर्ष 2010 में जेल हुई थी। रजवान रज़ाक को नौ साल की सजा हुई थी और उमर को साढ़े चार साल की सजा हुई थी। उमर अब आजाद है और सारा को मैसेज भी करता है।
उनके बलात्कारी नस्लवादी थे। वे उन्हें “सफेद कूड़ा” कहते थे। सारा का कहना है क्योंकि उनके अभिभावक खुले विचारों के होते हैं, वे लोग स्कर्टस पहनती हैं। मगर कपड़ों से कुछ नाहन होता, यह इससे होता है कि हम उनके झांसे में कितनी आसानी से आती हैं।
यह केवल दो बहनों की कहानी है, जिनमें से एक बहुत ही बुरे तरीके से मारी गई तो दूसरी भी अपनी जान लेने का प्रयास लगातार कर रही थी, मगर लौरा विल्सन जहां पहली ऐसी पीड़िता हैं, जिनकी हत्या पाकिस्तानी मुस्लिम समूह ने की थी, तो वहीं सारा भी पीड़िता रहीं, मगर वे इस जाल को समझ गईं और सामाजिक संगठनों की सहायता से एवं अपनी माँ के समर्थन से वह अब आगे की लड़ाई लड़ रही हैं।
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