छत्तीसगढ़ में 2000 करोड़ रुपये से अधिक के शराब घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक बार फिर पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को पूछताछ के लिए बुलाया। इस दौरान उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) को भी उपस्थित होने के लिए कहा गया था, लेकिन सीए की अनुपस्थिति के कारण कवासी लखमा अकेले ही लगभग सुबह 11 बजे ईडी कार्यालय पहुंचे।
लंबी पूछताछ के बाद गिरफ्तारी
पूछताछ के बाद ईडी ने कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा को गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले, 9 जनवरी को भी ईडी ने कवासी लखमा से करीब आठ घंटे तक पूछताछ की थी। 28 दिसंबर को ईडी ने रायपुर में उनके ठिकानों पर छापा मारा था, जिसमें नगद लेन-देन और वित्तीय अनियमितताओं के कई साक्ष्य मिले थे।
गिरफ्तारी के बाद मेडिकल जांच
करीब चार घंटे तक चली पूछताछ के बाद ईडी ने दोनों को गिरफ्तार किया। इसके बाद दोनों को कोर्ट में पेश करने से पहले मेडिकल चेकअप के लिए रायपुर के मेकाहारा अस्पताल ले जाया गया।
सीए की गैरमौजूदगी बनी सवाल
ईडी ने कवासी लखमा से उनके चार्टर्ड अकाउंटेंट के साथ उपस्थित होने को कहा था, क्योंकि छापे में मिले सबूतों के आधार पर लेन-देन से संबंधित जानकारी मांगी जा रही थी। हालांकि, सीए की गैरमौजूदगी ने मामले को और गंभीर बना दिया है।
बता दें कि ईडी ने 28 दिसंबर को कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश के ठिकानों पर छापा मारा था। छापेमारी के दौरान बड़े पैमाने पर नगद लेन-देन के सबूत मिले थे। 3 जनवरी को दोनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया था। लेकिन बुधवार को पूछताछ के बाद ईडी ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोनों को गिरफ्तार कर लिया।
प्रवर्तन निदेशालय जल्द ही कवासी लखमा और हरीश लखमा को कोर्ट में पेश करेगा। इस मामले में ईडी की ओर से लगातार जांच और पूछताछ जारी है।
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