संभल, उत्तर प्रदेश: 1978 के सांप्रदायिक दंगों के बाद एक विशेष समुदाय के लोगों ने हिंदुओं को वहां से खदेड़ दिया था। प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 10,000 वर्ग फीट जमीन कब्जा मुक्त कराई है और इसे मूल मालिकों को सौंप दिया है।
1978 में संभल में सांप्रदायिक दंगे हुए थे, जिनमें समुदाय विशेष के लोगों ने हिंदू परिवारों पर हमला कर उन्हें क्षेत्र छोड़ने पर मजबूर कर दिया। इस भयावह घटना के बाद, प्रभावित हिंदू परिवारों ने अपनी जमीन और संपत्ति छोड़ दी और अन्य जगहों पर बसने को मजबूर हो गए। उनके पलायन के बाद, उनकी जमीन और संपत्ति पर समुदाय विशेष के लोगों ने कब्जा कर लिया। इस कब्जे के खिलाफ पीड़ित परिवारों ने वर्षों तक संघर्ष किया और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।
संभल के रोडवेज बस स्टैंड के पीछे स्थित दो बीघा जमीन, जिसमें एक बाग शामिल है, पर लंबे समय से एक डॉक्टर का कब्जा था। यहां पर एक स्कूल भी संचालित किया जा रहा था। प्रशासन ने पीड़ित परिवार की पहचान कर उन्हें उनकी जमीन वापस दिलाने की प्रक्रिया शुरू की।
एसडीएम के नेतृत्व में हुई इस कार्रवाई के तहत, 10,000 वर्ग फीट जमीन को मुक्त कराकर पीड़ित परिवार को सौंप दिया गया।
अधिकारियों ने बताया कि अब भी 5,000 वर्ग फीट जमीन कब्जे में है, जिसे जल्द ही बुलडोजर कार्रवाई के जरिए खाली कराया जाएगा। प्रशासन ने इस मुद्दे पर पूरी गंभीरता से काम करते हुए यह सुनिश्चित किया है कि न्याय का पालन हो।
पीड़ित परिवारों ने पूर्व सांसद शफीकुर्रहमान बर्क पर आरोप लगाया कि उन्होंने इस मामले में कार्रवाई रोकने की कोशिश की। वर्षों तक परिवारों की शिकायतें अनसुनी रहीं, लेकिन अब प्रशासन ने न्याय दिलाने का कार्य सफलतापूर्वक पूरा किया है।
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