प्रयागराज महाकुंभ में पर्यावरण और स्वच्छता को बनाए रखने के लिए अनेक उपाय किए गए हैं। प्रशासन ने ‘सिंगल यूज प्लास्टिक’ को पूर्णतया प्रतिबंधित कर दिया है। ‘अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद’ ने भी महाकुंभ को प्लास्टिक-मुक्त बनाने का संकल्प लिया है। इसके विकल्प के रूप में पर्याप्त संख्या में दोने-पत्तल, कुल्हड़, जूट व कपड़े के थैलों के विक्रय की व्यवस्था की गई है। इस प्रकार के उत्पादों के लिए उत्तर प्रदेश सहित आधे दर्जन से अधिक राज्य की महिलाओं और स्वयंसेवी संस्थाओं को जिम्मेदारी दी गई है।
सरकार के इन प्रयासों के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ‘पर्यावरण संरक्षण गतिविधि’ द्वारा महाकुंभ में स्टील की थालियां और जूट या कपड़ों के थैलों का मुफ्त वितरण किया जा रहा है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के कार्यकर्ता दिसंबर के अंतिम सप्ताह से ही स्टील की थाली और थैलों का वितरण कर रहे हैं। दरअसल, अखाड़ोें के कुंभ प्रवेश के समय से ही साधु-संतों के शिविर लग गए हैं और उनके यहां अन्न क्षेत्र प्रारंभ हो गए हैं। प्रशासन से जुड़े अनेक विभागों के शिविर पहले से ही स्थापित हैं।
संगठन की ओर से 10 पूर्णकालिक और लगभग 50 सहयोगी स्वयंसेवक इस कार्य में लगे हैं। छह भंडारों में सभी सामग्रियां रखी गई हैं। मुख्य भंडार त्रिवेणी तट के समीप झूंसी कस्बे में है, जबकि पांच केंद्र वितरण की सुविधा की दृष्टि से अलग-अलग क्षेत्रों में बनाए गए हैं।
पहले कार्यकर्ता शिविरों में जाकर थाली की उपयोगिता और संख्या का अनुमान लगाते हैं और उसी के अनुरूप उस संस्था को थाली दी जाती है। इसके पूर्व हरिद्वार कुंभ में लगभग 6 लाख थैलों का वितरण किया गया था, लेकिन थाली का वितरण पहली बार प्रयागराज में किया जा रहा है।
पर्यावरण संरक्षण गतिविधि की ओर से महाकुंभ क्षेत्र में 15 लाख थाली और 15 लाख थैले बांटने का लक्ष्य बनाया गया था, लेकिन अब थैलों की संख्या 20 लाख की जा रही है। पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के प्रदेश संयोजक सच्चिदानंद भारती कहते हैं, ‘‘महाकुंभ में प्लास्टिक, पॉलीथिन का उपयोग कम से कम करने और स्वच्छता का संदेश देने के लिए देश भर में थाली और थैला संग्रह अभियान चल रहा है।
इसके अंतर्गत पर्यावरण संरक्षण गतिविधि के कार्यकर्ता कुछ अन्य संगठनों के माध्यम से घर-घर जा रहे हैं और लोगों से स्टील की थाली और जूट के थैलों के लिए सहयोग मांग रहे हैं। इस अभियान को केरल, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, तमिलनाडु जैसे राज्यों में भी अच्छी सफलता मिल रही है।
अब तक सबसे ज्यादा सहयोग गुजरात, राजस्थान, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली से मिला है। अभियान के माध्यम से जो थालियां और थैले जमा हो रहे हैं, उन्हें प्रयागराज महाकुंभ में बने केंद्रों तक पहुंचाया जा रहा है। यह कार्य ‘अग्रवाल पैकर्स एंड मूवर्स लिमिटेड’ द्वारा नि:शुल्क किया जा रहा है।’’
यह अभियान पर्यावरण को सुरक्षित रखने का संदेश देने के साथ ही लोगों को विश्व के सबसे बड़े मेले से किसी न किसी रूप में जुड़ने का अवसर दे रहा है। यही कारण है कि ‘पर्यावरण संरक्षण गतिविधि’ के इस कार्य की प्रशंसा पूरे देश में हो रही है।
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