दिल्ली

Panchjanya Live : पाञ्चजन्य का ‘बात भारत की अष्टायाम’ संवाद

ये पाञ्चजन्य के 78वीं वर्षगांठ है। 14 जनवरी, 1948 को मकर संक्रांति के पावन पर्व पर अपने आवरण पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से शंखनाद के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के संपादकत्व में इसकी नीव रखी गई थी।

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Kuldeep singh

पाञ्चजन्य के 78वें वर्षगांठ के मौके पर दिल्ली के अशोका होटल में बात भारत की अष्टायाम कार्यक्रम शुरू हो गया है। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन के साथ हुई। राष्ट्र के हित में सदा से कार्यरत राष्ट्रीय पत्रिका ‘पाञ्चजन्य’ की स्थापना के 78वीं वर्षगांठ मकर संक्रांति के अवसर पर मनाई जा रही है। इसका आय़ोजन दिल्ली के चाणक्यपुरी स्थित द अशोका होटल में ‘बात भारत की अष्टायाम’ संवाद के नाम से किया जा रहा है।

कार्यक्रम की शुरुआत 14 जनवरी (मंगलवार) को सुबह 11 बजे से हो चुकी है। कार्यक्रम में अतिथियों के तौर पर केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, “बच्चों और युवाओं के दमन के खिलाफ संघर्ष और सभी बच्चों के शिक्षा के अधिकार के लिए” काम करने वाले नोबल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी, वैज्ञानिक और लेखक आनंद रंगनाथन, भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद सुधांशु त्रिवेदी, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत व अन्य उपस्थित रहेंगे।

उल्लेखनीय है कि स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद 14 जनवरी, 1948 को मकर संक्रांति के पावन पर्व पर अपने आवरण पृष्ठ पर भगवान श्रीकृष्ण के मुख से शंखनाद के साथ पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के संपादकत्व में ‘पाञ्चजन्य’ साप्ताहिक का अवतरण हुआ था।

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