संयुक्त अरब अमीरात ने इन सभी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाकर यह साफ कर दिया है कि वह इस्लामी आतंकवादी संगठन ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ और उसकी गतिविधियों को लेकर बहुत गंभीर है। अमीरात सरकार नहीं चाहती कि इन संगठनों या इनके सदस्यों से किसी प्रकार का मतलब रखा जाए, इसीलिए इन सबका नाम काली सूची में जोड़ा गया है। अगर इन लोगों ने यूएई जाने की कोशिश की तो उन्हें वहां दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। यूएई में मौजूद इन सबके खाते भी सील होने वाले हैं।
खाड़ी देश संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई ने ऐसे आठ संगठनों पर अपने यहां बैन लगा दिया है जो हैं तो ब्रिटेन की, लेकिन उनका संपर्क मुस्लिम ब्रदरहुड से पाया गया है। इन सभी संगठनों के नाम यूएई ने काली सूची में डालकर इनसे किसी भी तरह का संबंध न रखने की बात की है। इतना ही नहीं, इन संगठनों में काम करने वाले या इनसे संबंध रखने वाले लोग अब यूएई में दाखिल नहीं हो पाएंगे।
इसके अलावा बताया जा रहा है कि इन सभी संगठनों और उनसे संबंध रखने वाले लोगों पर आर्थिक प्रतिबंध लगाने तक के इंतजाम कर लिए गए हैं। बताया यह भी गया है कि यूएई इन व्यक्तियों की संपत्ति भी जब्त करने वाला है।
संयुक्त अरब अमीरात ने इन सभी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाकर यह साफ कर दिया है कि वह इस्लामी आतंकवादी संगठन ‘मुस्लिम ब्रदरहुड’ और उसकी गतिविधियों को लेकर बहुत गंभीर है। अमीरात सरकार नहीं चाहती कि इन संगठनों या इनके सदस्यों से किसी प्रकार का मतलब रखा जाए, इसीलिए इन सबका नाम काली सूची में जोड़ा गया है। अगर इन लोगों ने यूएई जाने की कोशिश की तो उन्हें वहां दाखिल नहीं होने दिया जाएगा। यूएई में मौजूद इन सबके खाते भी सील होने वाले हैं।
ब्रिटेन के मुस्लिम ब्रदरहुड से संबंध रखने वाले ये आठ संगठन हैं—IMA6INE लिमिटेड, कैम्ब्रिज एजुकेशन एंड ट्रेनिंग सेंटर लिमिटेड, होल्डको यूके प्रॉपर्टीज लिमिटेड, वासलाफोरॉल, फ्यूचर ग्रेजुएट्स लिमिटेड, वेम्बली ट्री लिमिटेड, यास फॉर इन्वेस्टमेंट एंड रियल एस्टेट और नेफेल कैपिटल।
यूएई ने ब्रिटेन के इन आठों संगठनों के साथ ही अन्य ग्यारह लोगों को भी प्रतिबंधित किया है। ये सभी व्यक्ति संयुक्त अअरब अमीरात के नागरिक हैं। लेकिन इस सभी पर आरोप है कि ये आतंक का समर्थन करते हैं। आखिर ये ग्यारह लोग हैं कौन? ये हैं बैन की गई इन्हीं कम्पनियों के निदेशक या और किसी बड़े ओहदे पर काम करने वाले। यूएई इस्लामी कट्टरपंथ और आतंकवाद को लेकर इतना गंभीर है कि वह नहीं चाहता कि इन दोनों चीजों से जुड़ा कोई भी इंसान उसके यहां कदम तक रखे। ऐसी हरकतों को रोकने के लिए यूएई की सरकार दृढ़ नजर आ रही है।
संयुक्त अरब अमीरात ने यह व्यवस्था भी की है कि उसका कोई भी नागरिक या संस्थाएं इन प्रतिबंधित संगठनों के साथ किसी भी तरह का मेल न रखें, न ही उनके साथ काम करें। इस पर पूरी तरह रोक का इंतजाम कर दिया गया है। ये सभी प्रतिबंध फौरन ही लागू माने जाएंगे। हैरानी की बात है कि मुस्लिम ब्रदरहुड से जुड़े इन सभी संगठनों पर ब्रिटेन में अपनी गतिविधियां चलाए रखने को लेकर कोई रोक—टोक नहीं है। ये संगठन वहां खुलकर इस्लामी जिहादी सोच के प्रचार—प्रसार में लगे हैं।
आखिर मुस्लिम ब्रदरहुड है क्या? दरअसल, मुस्लिम ब्रदरहुड 1928 में स्थापित एक कट्टर इस्लामी संगठन है। इसे मिस्र में हसन अल-बन्ना नाम के इंसान ने खड़ा किया था। इसका काम कुल इतना है कि दुनिया के देशों में इस्लाम पर आधारित राजनीतिक सोच के तंत्र को खड़ा करने की कोशिश करना, शरिया कानून की वकालत करना, हिंसा फैलाना और जिाहदी सोच को प्रसारित करने में मदद देना। मिस्र, सऊदी अरब तथा यूएई सहित अन्य अनेक इस्लामी देशों में इस संगठन पर प्रतिबंध लगाया जा चुका है, लेकिन जहां से उक्त आठ संगठन जहर फैलाने का काम कर रहे हैं वहां इन पर कोई रोक नहीं लगी है, वहां ये खूब खद—पानी पा रहे हैं।
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