कर्णावती: पिरोटन द्वीप पर बनाये गये अवैध अतिक्रमण के विरूद्ध प्रशासन ने ठोस कार्रवाई करते हुए लगभग 4000 वर्ग फीट क्षेत्र में फैले धार्मिक दबावों पर बुलडोजर चला दिया है।
देश की सुरक्षा और समुद्री जीवन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माने जा रहे पिरोटन द्वीप पर प्राधिकारियों ने अवैध अतिक्रमण को समाप्त करने के लिए ठोस कार्रवाई की है। अवैध दबावों के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए पिरोटन द्वीप पर लगभग 4000 वर्ग फीट क्षेत्र में फैले धार्मिक स्थलों पर अतिक्रमण हटा दिया गया है। पिरोटन द्वीप को उसके मूल स्वरूप में बहाल करने के लिए राज्य सरकार ने यह कठोर कार्रवाई की है। देश की सुरक्षा और समुद्री जीवन की सुरक्षा के लिए यह कार्रवाई महत्वपूर्ण है।
पिरोटन द्वीप के ये दबाव राष्ट्रीय सुरक्षा, समुद्री जीवन और आसपास के क्षेत्र के महत्वपूर्ण उद्योगों के लिए खतरा साबित हो रहे थे। पिरोटन द्वीप के पास 5 एसपीएम स्थित हैं। यह देश की 60% कच्चे तेल की आपूर्ति करता है। जिसके चलते राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा बना हुआ था। पिरोटन समुद्री राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा है। यहां अवैध दबाव के कारण प्रवाल जैसे समुद्री जीवन को काफी नुकसान हो रहा था। इसलिए समुद्री वन्यजीव के सामने खतरा था। अतिक्रमण के कारण लोगों की आवाजाही बढ़ने से राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर मुद्दे उत्पन्न हो रहे थे।
पिरोटन द्वीप पर बने यह धार्मिक दबावों के चलते द्वीप पर एनडीपीएस, ड्रग्स संबंधित गतिविधियों के बढ़ने का खतरा ज्यादा था। धार्मिक दबावों के चलते पिरोटन द्वीप ड्रग्स सम्बंधित गतिविधियों का केंद्र बन सकता था।
इस अतिक्रमण के कारण अवैध आवाजाही से जीएसएफसी, रिलायंस, नयारा एनर्जी, एयर फोर्स बेस, नेवी बेस जैसे महत्वपूर्ण उद्योगों और संस्थानों के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है। इस कार्रवाई से पिरोटन द्वीप को उसकी मूल स्थिति में बहाल करने का प्रयास किया जाएगा।
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