अरविन्द केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा के नए अवतार से काफी भयभीत है। लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीट 240 आने से विपक्षी दलों में एक बड़ी ख़ुशी थी कि उन्होंने भाजपा को स्पष्ट बहुमत से रोक दिया और विपक्षी दलों को उम्मीद थी कि वो आने वाले विधानसभा चुनावों में अच्छा प्रदर्शन करते हुए भाजपा को रोक सकेंगे।
मगर विपक्षी दल यह भूल गए कि भाजपा की सीट 240 तक जरूर आ गई, मगर भाजपा की राजनीतिक ज़मीन बढ़ी हुई है। वहीं कांग्रेस पार्टी की सीटें अवश्य बढ़ीं, लेकिन उसकी राजनीतिक ज़मीन पूर्ववत ही रही है। क्षेत्रीय दलों को लम्बे समय से यह आभास रहा है कि भाजपा की मजबूती और मोदी लहर लोकसभा चुनाव में ज्यादा प्रभावी रहती है। 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद 2015 के दिल्ली और बिहार के विधानसभा चुनावों में ऐसा देखने को मिला भी। कई ऐसे राज्य हैं, जहाँ भाजपा लोकसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करती है मगर विधानसभा चुनाव में भाजपा उसको दोहराने में नाकाम रही है।
मगर 2024 के लोकसभा चुनाव के बाद इस रुझान में बदलाव हुआ है और भाजपा उन राज्यों में भी अच्छा प्रदर्शन कर रही है जहाँ विधानसभा चुनाव में भाजपा अपेक्षा के मुताबिक, प्रदर्शन करने में नाकाम रही थी। हरियाणा के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीद से लगभग आधी सिर्फ 5 सीट ही लोकसभा में जीतने में सफल हुई थी। भाजपा के इस कमजोर प्रदर्शन के कारण कांग्रेस पार्टी को पूरी उम्मीद थी कि वो हरियाणा विधानसभा चुनाव अच्छे से जीतेगी। यहाँ तक कि कांग्रेस के नेता और जमीनी कार्यकर्ता चुनाव पूर्व से ही हरियाणा को जीता हुआ मानकर ख़ुशी मना रही थी, मगर हरियाणा की जनता ने भाजपा को अब तक की सबसे बड़ी जीत दिलाते हुए लगातार तीसरी बार हरियाणा में भाजपा की सरकार बनाई।
महाराष्ट्र में भाजपा नीत महायुति और कांग्रेस नीत महाविकाश अघाड़ी में कड़े टक्कर का अनुमान था। इस अनुमान की वजह लोकसभा चुनाव में भाजपा और एनडीए का राज्य में उम्मीद से कमतर प्रदर्शन था। लोकसभा चुनाव में अनुमानों के विपरीत जहाँ कांग्रेस नीत इंडि गठबंधन कुल 48 में से 30 सीटें जीत गई वहीं भाजपा नीत एनडीए महज 17 सीटों पर सिमट गई। विगत 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत एनडीए 41 सीटें जीती थी जो घटकर 17 सीटों पर आ गई थी।
लेकिन, भाजपा नीत महयुति ने विधानसभा चुनाव में 235 सीटों पर जीत दर्ज़ करके सबको चौंका दिया। लोकसभा चुनाव में भाजपा नीत गठबंधन ने महज 128 विधानसभा सीटों पर महाराष्ट्र में बढ़त बनाई थी। यह महाराष्ट्र के इतिहास में भाजपा का सबसे उम्दा प्रदर्शन हैं।
केंद्रशासित जम्मू कश्मीर में विधानसभा चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन संतोषप्रद व उम्दा रहा। भाजपा ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव में भाजपा 62 सीटों पर चुनाव लड़ी और 29 सीटों पर जीत दर्ज़ की। 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा ने जम्मू कश्मीर में 29 विधानसभा सीटों पर ही आगे रही थी।
भाजपा के बढ़ते कद से खौफजदा हैं केजरीवाल
अतएव अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी भाजपा के इस बढ़ते कदम से काफी खौफज़दा हैं। भाजपा दिल्ली में लोकसभा चुनाव में दिल्ली की सभी सातों सीटों पर जीत दर्ज़ किया और 52 विधानसभा सीटों पर आगे रही थी।
केजरीवाल की भय है कि दिल्ली के वो मतदाता जो विगत दो विधानसभा चुनाव में उनकी पार्टी आप को और लोकसभा में भाजपा को मत दे रहे हैं वो इस बार भाजपा के नए स्वरूप और आत्मविश्वास को देखते हुए भाजपा को मत दे देंगे तो उनकी पार्टी की दिल्ली में सीटें काफी कम हो सकती हैं। वैसे भी लोकसभा चुनाव में केजरीवाल ने कांग्रेस से गठबंधन किया और 2013 विधानसभा चुनाव के बाद दोनों ने मिलकर सरकार बनाई थी। ऐसे में दिल्ली के मतदाताओं को आशंका है कि आप को दिया गया मत दूसरे रूप में कांग्रेस को ही दिया गया माना जाएगा। इस कारण दिल्ली के मतदाताओं में इस बार स्पष्ट सन्देश हैं कि अगर आप के खिलाफ मतदान करना है तो भाजपा ही एकमात्र विकल्प है।
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