प्रयागराज में हो रहे महाकुंभ में सनातन धर्म में आस्था रखने वाले दुनियाभर के श्रद्धालु आ रहे हैं। इसी क्रम में दुनिया की दिग्गज मोबाइल फोन निर्माता कंपनी ऐपल के संस्थापक स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेंस जॉब्स भी सनातन धर्म को समझने के लिए प्रयागराज आ रही हैं। इस बीच लॉरेंस के आध्यात्मिक गुरु निरंजनी अखाड़े के पीठाधीश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि ने उन्हें अपना गोत्र और नया नाम कमला दिया है।
फिलहाल वो वाराणसी अपने 60 सदस्यीय दल के साथ रुकी हुई हैं। आज (रविवार) लॉरेंस प्रयागराज आएंगी। प्रयागराज महाकुंभ में रहकर कमला बनीं लॉरेंस जॉब्स एक सप्ताह तक तप करेंगी और सनातन धर्म की महानता को करीब से समझने की कोशिशें करेंगी। इस दौरान वो एक प्रमुख शाही स्नानों मकर सक्रांति और मौनी अमावस्या में गंगा स्नान भी करेंगी। इसके बाद ही वो यहां से रवाना होंगी।
इससे पहले वाराणसी में लॉरेंस ने दशाश्वमेध घाट पर होने वाली गंगा आरती में सम्मिलत हुईं और बाबा काशी विश्वनाथ के दर्शन भी किए। लॉरेंस का कहना है कि वो कल्पवास करने के लिए भारत आई हैं। इस दौरान वह संतों के साथ रहकर भारत के महान आध्यात्मिक दर्शन को करीब से समझेंगी। इस दरमियान दिवंगत स्टीव जॉब्स की पत्नी के गुरु स्वामी कैलाशानंद गिरि ने बताया कि अगर दोबारा से कमला उर्फ लॉरेन की मन बना तो वो 13 जनवरी को प्रयागराज में अखाड़े की पेशवाई में भी शामिल होंगी।
सनातन से है पुराना लगाव
जॉब्स परिवार का सनातन धर्म से पुराना लगाव है। लॉरेन से पहले उनके पति स्टीव जॉब्स भी 1970 के दशक में भारत में आए थे। वे नैनीताल स्थित नीब करौली धाम में एक सप्ताह तक एकांत वास में भी रहे। दरअसल, स्टीव जॉब्स नीम करौली बाबा को अपना गुरु मानते थे। अब उनकी पत्नी लॉरेन पॉवेल जॉब्स भी सनातन धर्म में ही आस्था रखती हैं। वो कैलाशानंदर गिरि को अपना गुरु मानती हैं।
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