उत्तराखंड

उत्तराखंड: उधम सिंह नगर में 129 अवैध मदरसों का खुलासा, संदिग्ध बांग्लादेशी और रोहिंग्या बच्चों की मौजूदगी से मचा हड़कंप

उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले में 129 अवैध मदरसे संचालित हो रहे हैं। जांच में संदिग्ध बंग्लादेशी और रोहिंग्या बच्चों की उपस्थिति पाई गई है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अवैध मदरसों पर सख्त कार्रवाई के संकेत दिए हैं।

Published by
उत्तराखंड ब्यूरो

उधम सिंह नगर । यूपी से लगते तराई के इस जिले में 129 मदरसे अवैध रूप से संचालित होते हुए पाए गए है, ये सूचना शासन को जिला प्रशासन द्वारा भेजी गई है। प्रशासन ने केवल सूचना भेज कर क्या अपने कर्तव्य की इति श्री कर ली.? क्या उधम सिंह नगर पुलिस प्रशासन ने इस बात की जांच पड़ताल की है कि ये बच्चे यहां बाहरी राज्यों से क्यों और कैसे आकर पढ़ रहे है.? क्या इनके नाम पतों का सत्यापन हुआ है.?

इस बारे में जब पुलिस अधिकारियों से पूछा गया तो उनका कहना था कि अभी जांच पड़ताल चल रही है। खबर पक्की है कि इन अवैध मदरसों में संदिग्ध बंग्लादेशी बच्चे भी मौजूद है और वो किस रूप में मौजूद है.? इस पर कहना अभी जल्दबाजी होगी। साथ ही साथ यहां के अवैध मदरसों में असम, बंगाल, झारखंड के सैकड़ो नहीं हजारों बच्चों की मौजूदगी होने की खबरों से धामी सरकार भी चिंता में है।

दरअसल यूपी और असम में बीजेपी सरकारों की अवैध मदरसों के खिलाफ सख्ती किए जाने के बाद,मौलवियों ने उत्तराखंड का रुख कर लिया जिसकी सूचना केंद्र सरकार की खुफिया एजेंसियों द्वारा उत्तराखंड सरकार से साझा की गई।जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने द्वारा गृह विभाग और डीजीपी पुलिस को इस बारे में जांच पड़ताल करने को कहा था।

सूत्रों के मुताबिक काशीपुर, बाजपुर, जसपुर आदि शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों में चल रहे अवैध मदरसों में संदिग्ध बंग्लादेशी , रोहिंग्या बच्चे भी है। ये मदरसे हाल के ही कुछ महीनों में खोले गए है जिनमे अधिकतर किराए के मकानों में चल रहे है, इसका अर्थ सीधा सीधा लगाया जा सकता है कि ये यहां शिफ्ट हुए है, एक प्रमाण और भी मिलता है कि इन अवैध मदरसों के बच्चों के आधार कार्ड ज्यादा समय पुराने नहीं है और इन्हें उत्तराखंड में पता परिवर्तन भी किया गया है।

कुछ बच्चे मुर्शिदाबाद पश्चिम बंगाल के है जिनके वहां के पते भी सही नहीं है। बंगाल के बच्चे झारखंड,असम के बच्चे हजारों की संख्या में उत्तराखंड लाकर क्यों पढ़ाए जा रहे है..? इस सवाल का जवाब उत्तराखंड के गृह मंत्रालय को खोजना है। ये भी बात कही जा रही है कि यही बच्चे छ आठ साल बाद उत्तराखंड के मूल निवास होने का प्रमाण पत्र बना लेंगे और राज्य में जनसंख्या असंतुलन की समस्या को और गहरा करेंगे।

उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी  राज्य में डेमोग्राफी चेंज को लेकर अपनी चिंताएं जाहिर कर चुके है।
बरहाल उत्तराखंड में अवैध मदरसों को लेकर धामी सरकार अगला कदम क्या उठाने जा रही है,इस बारे में कोई जानकारी सामने नहीं आई है, अलबत्ता सीएम धामी कहते है अभी जांच पड़ताल चल रही है। इस बारे में जल्द ही सख्त फैसले लिए जाएंगे।

Share
Leave a Comment