उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले से एक गंभीर धर्म परिवर्तन के मामले का खुलासा हुआ है, जिसमें एक दलित परिवार को जबरन धर्म परिवर्तन करने के लिए दबाव डाला गया। मामला तब सामने आया जब एक महिला को उसकी खराब सेहत के चलते मजार पर जाने के लिए प्रोत्साहित किया गया और फिर उसे इस्लाम अपनाने के लिए मजबूर किया गया। जब हिंदू संगठनों को इस मामले की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी और घटना के विरोध में प्रदर्शन किया।
यह घटना कस्बे के पूर्वी तरौस वार्ड नंबर एक में स्थित अजीत वर्मा के घर की है, जहां उनकी पत्नी उर्मिला की तबीयत खराब थी। उर्मिला ने पुलिस को बताया कि उनके एक परिचित नूरुद्दीन ने उन्हें मजार जाने की सलाह दी, यह दावा करते हुए कि इससे उनकी तबीयत ठीक हो जाएगी। उर्मिला के अनुसार, यह सब दो साल पहले शुरू हुआ और इस दौरान वह मजार जाने लगीं। हालांकि, उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ और इसके बाद नूरुद्दीन ने उर्मिला और उनके परिवार पर इस्लाम धर्म अपनाने का दबाव डालना शुरू कर दिया।
10 जनवरी को नूरुद्दीन अपने अन्य साथियों मेराज हसन, खालिक, इरफान और मोहम्मद हनीफ के साथ उर्मिला के घर पहुंचे और मजार में फातिहा पढ़ने लगे। उर्मिला के पति से धर्म परिवर्तन करने का आग्रह किया गया और इनकार करने पर उन्हें जान से मारने की धमकी दी गई। हिंदूवादी संगठन के आशीष सिंह ने इस मामले की सूचना कोतवाली पुलिस को दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस द्वारा मामले में कार्रवाई करते हुए आरोपियों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता से संबंधित कानूनों के तहत मामला दर्ज किया गया है। गिरफ्तार आरोपियों में नूरुद्दीन, खालिद, इरफान और मोहम्मद हनीफ शामिल हैं। वहीं, पांचवें आरोपी मेराज हसन की तलाश की जा रही है। पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सख्त कार्रवाई की है।
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