झारखण्‍ड

दाऊद ने नही माना सरकार का आदेश, 3 बच्चे सहित 4 की हुई दर्दनाक मौत!

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रितेश कश्यप and WEB DESK

झारखंड में कुछ ऐसे स्कूल हैं जो सरकारी नियमों को ताक पर रखकर अपनी मनमानी कर रहे हैं। अब इसका खामियाजा उन परिवारों को भुगतना पड़ा जिनके तीन मासूम बच्चे इस दुनिया को छोड़कर चले गए और कई बच्चे गंभीर रूप से घायल हैं।

8 जनवरी को रामगढ़ के गोला स्थित गुडविल मिशन स्कूल में 5 वर्ष से 12 वर्ष तक के दर्जन से अधिक बच्चों को एक ही ऑटो रिक्शा पर स्कूल ले जाया जा रहा था। विद्यालय से थोड़ी दूर पहले ही आलू लदे एक ट्रक अनियंत्रित होकर ऑटो पर पलट गया। इस दुर्घटना में तीन बच्चे और ऑटो चालक ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। जबकि इस ऑटो में सवार लगभग 11 बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गये। मृतकों में नर्सरी में पढ़ने वाला आशीष महतो पिता नेम धारी महतो और अनमोल महतो पिता करण महतो, कक्षा 1 में पढ़ने वाली नीरू कुमारी पिता श्रीकांत नायक सहित ऑटो चालक सरफराज की भी मौत हो गई थी।

इतनी बड़ी दुर्घटना के बाद पूरे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। परिजनों को पता चला तो वे भी भागे-भागे आये और अपने बच्चों की ये हालत देख कर बिलख-बिलख कर रोने लगे। आसपास के लोग मौके पर पहुंचकर बच्चों को निकालने में जुटे रहे। स्थानीय लोगों ने स्कूल प्रबंधन से लेकर प्रशासन पर अपना आक्रोश व्यक्त किया। लोगों का कहना था कि 13 तारीख तक सभी स्कूलों को बंद करने का सरकारी आदेश था, उसके बावजूद विद्यालय क्यों खुला रहा? इसके साथ ही वहां के लोगों ने कहा कि इस जगह पर भारी वाहनों के प्रवेश पर कई बार रोक लगाने की बात कही गई लेकिन प्रशासन की ओर से संज्ञान नहीं लिया गया।

आपको बता दें कि झारखंड सरकार ने कड़ाके की ठंड को देखते हुए कक्षा 8 तक के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया है। इस आदेश में कहा गया है कि 13 जनवरी तक आठवीं कक्षा तक सभी सरकारी एवं निजी विद्यालय बंद रहेंगे। इसके बावजूद गुडविल मिशन स्कूल के संचालक दाऊद आलम और प्रधानाध्यापक यसजद रजा ने सरकार के आदेश को नहीं माना और विद्यालय चलता रहा।

हालांकि इस घटना के बाद रामगढ़ प्रशासन ने संज्ञान लेते हुए संचालक दाऊद आलम और प्रधानाध्यापक यशजद रजा पर मामला दर्ज कर लिया है। रामगढ़ के उपायुक्त चंदन कुमार के आदेश के बाद स्कूल को सील कर दिया गया है। इसके साथ ही पूरे जिले में एक बार फिर से बताया गया है कि 13 जनवरी से पहले जिसका भी विद्यालय खुला पाया जाएगा तो उस पर कार्रवाई की जाएगी।

इस घटना के बाद राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी और रघुवर दास ने शोक व्यक्त किया और घायलों का बेहतर इलाज हो सके, इसके लिए प्रशासन को निर्देश दिया।

इस घटना को लेकर गोला के समाजसेवी महेंद्र प्रसाद ने कहा कि इस घटना को आम दुर्घटना की तरह से नहीं देखना चाहिए। इसे स्कूल प्रशासन के द्वारा हत्या मानी जाए और स्कूल प्रशासन पर हत्या का मुकदमा दर्ज होना चाहिए।

खैर अब देखना यह है कि इस विद्यालय पर प्रशासन या फिर सरकार सच में कार्रवाई कर पाती है या फिर मामला यूं ही रफा दफा हो जाएगा।

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