आंध्र प्रदेश के तिरुमला स्थित भगवान वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में मची भगदड़ में 6 लोगों की मौतों के बाद मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है। साथ ही तीन अन्य का ट्रांसफर कर दिया गया है। जिन अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है, उसमें तिरुपति शहर के डिप्टी एसपी रमण कुमार और टीटीडी के एसवी डेयरी फॉर्म के निदेशक हरिनाथ रेड्डी हैं।
इन्हीं अधिकारियों पर भीड़ को नियंत्रित करने की जिम्मेदारी थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेड्डी को ये तय करने की जिम्मेदारी दी गई थी कि कहां पर टिकट काउंटर स्थापित किए जाने चाहिए। जिन स्थानों पर टिकट काउंटर स्थापित किए गए थे, उनमें से कुछ स्थान इसके लिए उपयुक्त नहीं थे। इसके अलावा रेड्डी एक वरिष्ठ अधिकारी हैं। जिस वक्त उन्होंने सांस लेने में हो रही दिक्कत से पीड़ित एक महिला को अंदर लेने के लिए गेट को खोला तो बाकी के श्रद्धालुओं को लगा कि गेट खोल दिया गया है।
ऐसे में लोगों की भीड़ आगे बढ़ी। रेड्डी को जिम्मेदारी के साथ कार्य करना चाहिए। जानबूझकर या फिर अनजाने में की गई वो गलती, जिसमें किसी की जान चली जाए, उसे माफ नहीं किया जा सकता है। उनके अलावा जिन तीन अन्य अधिकारियों के तबादले किए गए हैं, उनमें तिरुपति के एसपी एल सुब्बारायडू, सीईओ एम गौतमी, टीटीडी के मुख्य सतर्कता औऱ सुरक्षा अधिकारी एस श्रीधर शामिल हैं। बता दें कि सुब्बारायडू और श्रीधर आईपीएस अधिकारी हैं, जबकि गौतमी आईएएस अधिकारी हैं। सीएम नायडू ने इस घटना की न्यायिक जांच के आदेश दे दिए हैं।
तिरुपति भगदड़ में मरने वाले लोगों के परिवार के लोगों को 25 लाख रुपए प्रति मृतक देने का ऐलान मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू ने किया है। इसके अलावा अनुबंध पर परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने का भी ऐलान किया गया है। यहीं नहीं घायलों को मंदिर में आज विशेष दर्शन भी दिलाए जाएंगे।
भगवान वेंकटेश्वर के दर्शन के लिए टिकटों की बिक्री होनी थी। बुधवार की रात को जैसे ही अधिकारियों ने मंदिर के बैकुंठ गेट को खोला, तो सैकड़ों की संख्या में धार्मिक आय़ोजनों की टिकट लेने के लिए तेजी से आगे बढ़े। इसी धक्का मुक्की के कारण वहां पर भगदड़ मच गई। इसकी चपेट में आने से 6 लोगों की मौत हो गई। दरअसल, 10 जनवरी से 10 दिवसीय बैकुंठ द्वार दर्शनम शुरू हो रहा है। उसी के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी।
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