पाकिस्तान में लाहौर से खबर है कि दो नाबालिग लड़कियों ने अपने ही अब्बा की हत्या कर दी है। दो किशोरियों ने बलात्कार का बदला लेने के लिए अपने ही अब्बा को आग के हवाले कर दिया।
1 जनवरी को पंजाब के गुजरांवाला में उसे जलाया गया था और मंगलवार को उसकी मौत हो गई। पुलिस के अनुसार लड़कियों ने कहा कि उन्होंने यह कदम स्थाई समाधान निकालने के लिए उठाया। लाहौर से लगभग 80 किलोमीटर दूर स्थित गुजरांवाला में रहने वाले अली अकबर ने तीन निकाह किये थे और उनसे उसे दस बच्चे थे। अकबर की पहली बीवी मर चुकी थी। दोनों बीवियां और बच्चे एक किराए के घर में रहते थे। जिन दोनों लड़कियों ने अपने अब्बा को मारा, वे दोनों ही सौतेली बहनें हैं। बड़ी बहन के साथ उनका अब्बा एक साल से बलात्कार कर रहा था तो दूसरी बहन के साथ भी दो बार बलात्कार करने की कोशिश की थी।
यह और भी दुखद है कि इन लड़कियों की अम्मियों को भी अपनी बेटियों के साथ हो रहे इस पाप के बारे में पता था, फिर भी उन्होंने इसका विरोध नहीं किया। उन्हें इस बात का भी इल्म नहीं था कि दोनों बहनें मिलकर इतना बड़ा कदम उठा लेंगी। पुलिस के अनुसार जब अकबर रात को सो रहा था, तो उसकी 12 और 15 वर्ष की बेटियों ने उस पर पेट्रोल डाला और आग लगा दी। उन्होंने बाइक से पेट्रोल निकाला और अपने अब्बा को आग के हवाले कर दिया। दोनों ही लड़कियों को जब हिरासत में लिया गया तो उन्होंने यौन उत्पीड़न से तंग आने की बात कही।
पाकिस्तान में बड़े स्तर पर यौन शोषण
पाकिस्तान में बच्चियों के साथ शोषण की घटनाएं बहुत ही चिंताजनक हैं। जुलाई 2024 में ही द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में एक रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिसमें लिखा था कि पाकिस्तान में बच्चों के साथ कितने बड़े स्तर पर यौन शोषण हो रहा है। इसका शीर्षक ही भयावह था। इसका शीर्षक था “एक शांत महामारी: पाकिस्तान में बाल यौन उत्पीड़न!”
हर दिन 11 बच्चे बने शिकार
इसमें हैरान करने वाले और डराने वाले आंकड़े दिए गए थे। इसमें लिखा है कि मानवाधिकार मंत्रालय की वेबसाइट पर इसे स्वीकारा गया है, “पूरे पाकिस्तान में बच्चों का अपहरण बहुत तेजी से बढ़ रहा है और गुमशुदा और अगवा किये गए बच्चों का मुद्दा बहुत ही डराने वाला है।” इस रिपोर्ट में लिखा है कि बच्चों के लिए काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों के अनुसार बच्चों के यौन शोषण में अधिकतर नातेदार और परिचित ही शामिल होते हैं। गैर सरकारी संगठन साहिल द्वारा एकत्र किये गए आंकड़ों के अनुसार “वर्ष 2023 में हर दिन 11 बच्चों के साथ ऐसा शोषण हुआ है।”
रिपोर्ट में क्या कहा
अपनी “क्रूएल नंबर्स 2023” रिपोर्ट में, एनजीओ ने कहा कि चार प्रांतों के साथ-साथ इस्लामाबाद कैपिटल टेरिटरी (ICT), आज़ाद जम्मू और कश्मीर (AJK), और गिलगित-बाल्टिस्तान (GB) से कुल 4,213 बाल शोषण मामले (CSA) रिपोर्ट किए गए थे। इस संख्या में बाल यौन शोषण, अपहरण, लापता बच्चे और बाल विवाह के दर्ज मामले शामिल थे। 2022 में, बाल शोषण मामलों की संख्या 4,253 थी। इनमें से भी 53 प्रतिशत पीड़ित लड़कियां थीं, तो 47 प्रतिशत पीड़ित लड़के थे।
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