उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने संभल जिले में 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों से संबंधित रिपोर्ट मांगी है। यह दंगे 29 मार्च 1978 को भड़कने के बाद कई दिनों तक जारी रहे थे और इनमें कई लोग मारे गए थे, जबकि अन्य घायल हुए थे। दंगों के बाद शहर में दो महीने तक कर्फ्यू लागू करना पड़ा था। इस घटना में कुल 169 मामले दर्ज किए गए थे और सरकारी आंकड़ों के मुताबिक 24 लोग मारे गए थे।
हालांकि, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले महीने दावा किया था कि दंगे के दौरान 184 लोग सामूहिक रूप से जलाए गए थे और कई लोग बेघर हो गए थे। उनके बयान के बाद से इस घटना की फिर से जांच और समीक्षा की संभावना को लेकर चर्चाएं तेज हो गई थीं। अब योगी सरकार ने इस दंगे से संबंधित रिपोर्ट की मांग की है और एक हफ्ते के भीतर इसे सौंपने की डेडलाइन तय की है।
संभल के पुलिस अधीक्षक कृष्ण कुमार बिश्नोई ने इन अटकलों को गलत बताते हुए कहा कि यह केवल एक रिपोर्ट की मांग है, जो राज्य सरकार के गृह विभाग द्वारा एक हफ्ते के भीतर मांगी गई है। यह कदम यूपी विधान परिषद के सदस्य श्रीचंद्र शर्मा के पत्र के बाद उठाया गया है। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि गृह विभाग ने दंगे की आख्या मांगी थी, और इसके बाद संबंधित अधिकारियों से एक संयुक्त रिपोर्ट तैयार करने के लिए निर्देश जारी किए गए हैं।
मुरादाबाद के मंडलायुक्त आंजनेय सिंह ने भी बुधवार को संभल के जिलाधिकारी राजेंद्र पेंसिया को आदेश दिया कि वह इससे जुड़े सभी रिकॉर्ड एकत्रित करके संबंधित अधिकारियों को सौंपें। माना जा रहा है कि सरकार इस मामले की गहन जांच और समीक्षा करने की दिशा में कदम उठा सकती है। इस रिपोर्ट की समय सीमा एक हफ्ते की तय की गई है।
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