भारत, नेपाल और तीन तिब्बत में आए जोरदार भूकंप से हिमालयीन रेंज कांप उठी। तीव्र भूकंप की चपेट में आने के कारण तिब्बत में कम से कम 95 लोगों की मौत हो गई और 130 लोग घायल हो गए। चीनी सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों में बताया गया है कि 6.8 तीव्रता का भूकंप आया हिमालय की तराई में तिब्बत के पवित्र में आय़ा था। इसमें मौतों की संख्या बढ़ने की आशंका है। फिलहाल राहत और बचाव के कार्य किए जा रहे हैं।
इससे पहले सुबह आए भूकंप की तीव्रता 7.1 मापी गई थी। रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप के झटके बिहार, सिक्किम, असम, उत्तराखंड, दिल्ली समेत कई राज्यों में महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि दिल्ली में सुबह 6 बजे भूकंप के झटके महसूस किए गए। बिहार में मधुबनी, पूर्णिया, सीवान, सुपौल, मोतिहारी समस्तीपुर और मुजफ्फरपुर समेत कई जिलों में करीब 5 से सात सेकंड तक धरती हिलती रही। लोग डर के मारे अपने घरों से बाहर आ गए।
भूकंप का केंद्र तिब्बत की शिजियांग रहा
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी की रिपोर्ट के अनुसार, इस भूकंप का केंद्र तिब्बत नेपाल सीमा पर स्थित शिझैंग इलाका था। शिझैंग में इसका केंद्र धरती की से 10 किलोमीटर नीचे था। लेकिन, इसका सबसे अधिक असर नेपाल के लोबुचे से 93 किमी उत्तर-पूर्व में देखा गया, जहां इसकी तीव्रता सबसे अधिक 7.1 मापी गई। इसके अलावा शिझैंग में सबसे ताजा अर्थक्वैक सुबह 7:15 पर 5 मैग्नीट्यूड पर नापा गया।
भूकंप के खौफ से नेपाल में लोग सुबह-सुबह ही अपने घरों से बाहर निकल आए। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में देखा गया कि भूकंप के कारण नेपाल में सड़कों में दरारें भी आ गईं। हालांकि, अच्छी बात ये रही कि इसके कारण किसी प्रकार की कोई अनहोनी नहीं हुई। नेपाल में 2 जनवरी को भी 4.8 तीव्रता वाला भूकंप आया था। इसका केंद्र राजधानी काठमांडू से 70 किमी उत्तर में सिंधुपालचौक जिला था। भूकंप पर नजर रखने वाली संस्था एनएसआरसी के अनुसार, तीन से अधिक तीव्रता वाला नेपाल में यह 9वां भूकंप आया है। इसमें से 8 भूकंप बीते 20 दिन के अंदर आए हैं।
उल्लेखनीय है कि इससे एक दिन पहले ही महाराष्ट्र के पालघर जिले में भी 3.7 तीव्रता का भूकंप रिकॉर्ड किया गया था।
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