कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर उनकी खुद की लिबरल पार्टी के सांसदों द्वारा इस्तीफा देने का दबाव लगातार बढ़ रहा है। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रूडो इस हफ्ते बुधवार तक अपने पद से इस्तीफा दे सकते हैं। पता चला है कि यदि ट्रूडो ऐसा नहीं करते तो उन्हें उनके पद से हटाया जा सकता है। इसी फज़ीहत से बचने के लिए ट्रूडो खुद ही इस्तीफा दे सकते हैं, ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है।
ट्रूडो ने 2015 में पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी और वह एक उदारवादी नेता के तौर पर प्रसिद्ध हुए थे। हालांकि, हाल के वर्षों में कनाडा में कट्टरपंथी ताकतों का बढ़ना, अप्रवासियों की बढ़ती संख्या और कोविड-19 के बाद की परिस्थितियों के कारण उन्हें कई राजनीतिक चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा कनाडा में आऊट ऑफ कंट्रोल होती इमीग्रेशन के कारण भी ट्रूडो सरकार के कार्यकाल के दौरान कनाडा के हालात बद से बदत्तर हुए माने जा रहे हैं।
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उधर, अमरीका के नवनियुक्त राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने भी कह दिया है कि वे कनाडा से आने वाले सामान पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने की सोच रहे हैं। चूंकि कनाडा की ओर से गैर-कानूनी तौर पर लोग अमरीका में दाखिल हो रहे हैं जो कि बर्दाशत नहीं किया जा सकता। बता दें कि कनाडा-अमरीका का बार्डर विश्व का सबसे लंबा बार्डर है जो तकरीब 8 हजार किलोमीटर लंबा है लेकिन, यह बार्डर पूरी तरह से अनकंट्रोल्ड है और कनाडाई नागरिक अपने ड्राइविंग लाइसेंस पर ही अमरीका में दाखिल हो सकते हैं। अनकंट्रोल्ड का मतलब है कि जैसे भारत-पाकिस्तान का बार्डर पूरी तरह से सील है, अमरीका-कनाडा के बार्डर पर ऐसा कुछ नहीं है और यह ओपन है। यह भी एक बड़ी वजह से जो जस्टिन ट्रडो के लिए सिरदर्द बनी हुई है।
इस्तीफे का दबाव बढ़ा
ट्रूडो की लोकप्रियता में जहां जबरदस्त गिरावट आई है वहीं उनकी कैबिनेट के आधा दर्जन के करीब मंत्रियों के अलावा एक दर्जन से ज्यादा सांसदों ने उनका साथ छोड़ दिया है और आगामी चुनाव तक ना लड़ने का कह दिया है जिसके चलते उन पर इस्तीफे देने का दबाव लगातार बढ़ रहा है। कनाडा के प्रमुख अखबार “ग्लोब एंड मेल” के तीन सूत्रों के अलावा अन्य मीडिया सूत्रों के हवाले से पता चला है कि लिबरल पार्टी के सांसदों ने कई महीनों से ट्रूडो से इस्तीफा देने की मांग की है। इस बीच, आगामी संसदीय चुनाव अक्टूबर 2025 से पहले होने वाले हैं, लेकिन अगर ट्रूडो इस्तीफा देते हैं, तो चुनाव तुंरत कराए जाने की संभावना बन सकती है।
लिबरल पार्टी के सांसदों के दबाव में बढ़ोतरी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बुधवार को लिबरल पार्टी के नेशनल कॉकस की महत्वपूर्ण बैठक ओटावा में सुबह 11 बजे से शाम 5 बजे तक होनी है, जिसमें ट्रूडो को विद्रोह का सामना करना पड़ सकता है। कहा जा रहा है कि ट्रूडो इस बैठक से पहले इस्तीफा देने का ऐलान कर सकते हैं। पार्टी के 20 से ज्यादा सांसदों ने सार्वजनिक तौर पर उनसे इस्तीफा देने की मांग की है। इसके अलावा व्यक्तिगत मुलाकातों में भी कई नेताओं ने ट्रूडो से इस्तीफा देने की सलाह दी है।
क्रिस्टिया फ्रीलैंड का इस्तीफा और बढ़ा दबाव
कनाडा की डिप्टी पीएम और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड द्वारा 16 दिसंबर को पद छोड़ने के बाद ट्रूडो पर इस्तीफे का दबाव और अधिक बढ़ गया है। फ्रीलैंड का कहना था कि ट्रूडो ने उनसे वित्त मंत्री का पद छोड़ने का अनुरोध किया था, ताकि वह दूसरे मंत्रालय का कार्यभार संभाल सकें। क्रिस्टिया फ्रीलैंड ट्रूडो की सबसे प्रभावशाली और वफादार मंत्री मानी जाती रही हैं। पता चला है कि क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने सदन में वित्तीय रिपोर्ट पेश करनी थी, लेकिन उससे ठीक पहले उन्होंने अपना इस्तीफा दे दिया और आनन-फानन में जस्टिन ट्रूडो द्वारा अपने करीबी को वित्त मंत्री नियुक्त करके उससे वित्तीय रिपोर्ट पेश करवाई गई।
कनाडा की संसद में ट्रूडो सरकार की स्थिति
कनाडा की संसद में लिबरल पार्टी के पास 338 में से 153 सीटें हैं, जबकि बहुमत के लिए 170 सीटें चाहिए। पिछले साल, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने अपने 25 सांसदों का समर्थन वापस ले लिया था, जिससे ट्रूडो की सरकार अल्पमत में आ गई थी। हालांकि, एक बहुमत परीक्षण में ट्रूडो की पार्टी को अन्य पार्टियों का समर्थन मिल गया, जिससे वह इस संकट से उबरने में सफल रहे।
सर्वे में गिरती लोकप्रियता
कनाडा में हुए कुछ सर्वेक्षणों के अनुसार, ट्रूडो की लोकप्रियता में भारी गिरावट आई है। एक इप्सोस सर्वे में केवल 28% कनाडाई लोगों ने ट्रूडो को फिर से चुनाव लड़ने के लिए समर्थन दिया, जबकि एंगस रीड इंस्टीट्यूट के अनुसार उनकी अप्रूवल रेटिंग घटकर 30% पर आ गई है, जबकि नापसंदगी की दर 65% तक पहुंच गई है। बताया जा रहा है कि ट्रूडो अपने पहले कार्यकाल के बाद से ही अल्पमत की सरकार चला रहे हैं लेकिन, अब उनका इस पद से जाना लगभग तय माना जा रहा है।
विपक्ष का बढ़ता दबाव और संभावित चुनाव
कनाडा में अक्टूबर 2025 तक प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव होने हैं। ट्रूडो ने इस चुनाव में लिबरल पार्टी का नेतृत्व करने का इरादा जताया है, लेकिन पार्टी के कई नेता उन्हें प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में पसंद नहीं कर रहे हैं। हालांकि, विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के पास वर्तमान में 120 सीटें हैं, और जनता की बढ़ती महंगाई के कारण कंजरवेटिव पार्टी को आगामी चुनाव में बहुमत मिलने की संभावना जताई जा रही है।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के लिए राजनीतिक भविष्य अनिश्चित नजर आ रहा है। उनके खिलाफ बढ़ते इस्तीफे के दबाव और पार्टी की अंदरूनी कलह के बीच, ट्रूडो इस्तीफा देने के लिए मजबूर हैं। वहीं, विपक्षी दलों द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लाने की घोषणा ने उनकी सरकार के लिए संकट को और बढ़ा दिया है।
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