सनातन धर्म की महानता यही है कि जो भी इसे समझने की कोशिश करता है, वो बस इसी का होकर रह जाता है। ऐसी ही एक घटना प्रयागराज महाकुंभ-2025 में हुई है। जहां, अमेरिका के रहने वाले मोक्षपुरी बाबा ने भारतीय संस्कृति और आध्यात्म से प्रेरित होकर सनातन धर्म को आत्मसात कर लिया है।
एनडीटीवी से बात करते हुए बाबा मोक्षपुरी ने बताया कि मैं नागा बाबा हूं जूना अखाड़ा से। मैं अमेरिका से आया हूं। बाबा मोक्षपुरी का कहना है कि वो साल 2000 में पहली बार भारत आए थे। मैं कोलकाता से ट्रेन के जरिए प्रयागराज पहुंचा। मोक्षपुरी बाबा का कहना है कि वो भारत अपनी पत्नी और बच्चे के साथ आए थे, लेकिन अब उनके बेटे की मौत हो चुकी है। मेरे अलावा मेरे परिवार में कोई और संत नहीं है।
मोक्षपुरी बाबा का कहना है कि जब वो भारत आए और यहां के योग का दर्शन किया तो यहीं पर रुककर एक आचार्य तलाशने का फैसला किया। ताकि ध्यान कर सकूं। इसके साथ ही मोक्षपुरी बाबा ने इस बात को भी स्वीकार किया कि जिस तरह से भारत में महाकुंभ जैसी उन्नत परंपराएं और संस्कृतियां है, वैसी अमेरिका में नहीं है। हालांकि, बहुत से भारतीय अमेरिका में रहते हैं और वहां पर कई सारे मंदिर हैं। मैक्सिको में नीम करौली बाबा का आश्रम है। वहां भगवान हनुमान जी का भी मंदिर है।
मोक्षपुरी बाबा ने बताया कि मैं मेरे छोटे से कस्बे में एक छोटे से मंदिर का निर्माण करा रहा हूं। मैं बीते 20 से भी अधिक साल से भारत में रह रहा हूं। यहां मैं हर दिन कुछ न कुछ नया सीख रहा हूं। इससे कोई अंतर नहीं पड़ता कि मैं अमेरिका में हूं या भारत में। मैं 2016 में उज्जैन में हुए कुंभ मेले से लगातार कुंभ मेले में आ रहा हूं। उल्लेखनीय है कि प्रयागराज महाकुंभ में मोक्षपुरी बाबा ध्यान, योग और आध्यात्मिक ज्ञान का प्रचार-प्रसार कर रहे हैं, जो भारतीय संस्कृति की वैश्विक ख्याति का प्रतीक है।
टिप्पणियाँ