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34 इजरायली बंधकों को रिहा करेगा हमास, क्या ये हिजबुल्लाह और बशर अल असद के हश्र का असर ?

इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस की ओर से ये स्पष्ट किया गया है कि उन्हें अभी तक हमास की ओर से कोई लिस्ट नहीं सौंपी गई है।

Published by
Kuldeep singh

इजरायल के ताबड़तोड़ हमले और लेबनान में हिजबुल्लाह व सीरिया में बशर अल असद की सरकार के हाल देख फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास के हौसले पस्त होते दिख रहे हैं। आतंकी संगठन ने कह दिया है कि वो अब कैदी एक्सचेंज डील के पहले चरण के तहत 34 इजरायली बंधकों को रिहा करने के लिए तैयार है। वर्ष 2025 की शुरुआत में ही यह इजरायल के लिहाज से अच्छी खबर है।

हालांकि, इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के ऑफिस की ओर से ये स्पष्ट किया गया है कि उन्हें अभी तक हमास की ओर से कोई लिस्ट नहीं सौंपी गई है। एएफपी से बात करते हुए आतंकी संगठन हमास के अनाम अधिकारी का कहना है कि शुरुआती चरण में हम जिन बंधकों को रिहा करने जा रहे हैं, उनमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और बीमारों को शामिल किया गया है। लेकिन, इसके साथ ही आतंकी संगठन ने ये भी कहा है कि उन्हें बंधक जिंदा हैं या नहीं इसकी पहचान करने के लिए कम से कम एक सप्ताह का वक्त लगेगा।

हमास की इस बात ने उसकी कथनी पर संदेह पैदा कर दिया है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि उसने बंधकों की हत्या कर दी हो। इस बीच इजरायली सरकार ने भी 34 बंधकों के मारे जाने का दावा किया है।

क्या है पूरा मामला

मामला कुछ यूं है कि 7 अक्तूबर 2023 को शनिवार के दिन जब पूरा इजरायल राष्ट्रीय अवकाश का जश्न मना रहा था, तो सुबह के तीन बजे हमास के आतंकी वेस्ट बैंक की ओर से पैराशूट्स के जरिए इजरायल में घुसे। उन्होंने वहां जमकर कत्लेआम मचाया। करीब 1200 से अधिक लोगों की बेरहमी से हत्या कर दी। महिलाओं का खुलेआम बलात्कार किया गया। इसके साथ ही आतंकी अपने साथ 251 लोगों को बंधक भी बना कर ले गए थे।

इसके बाद इजरायल ने युद्ध का ऐलान कर दिया था। इजरायल के ताबड़तोड़ हमलों में पूरी गाजा पट्टी तबाह और बर्बाद हो चुकी है। लेकिन, इस युद्ध के एक साल बीतने के बाद भी इजरायल अपने नागरिकों को मुक्त नहीं करा पाया है।

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