दिल्ली में बढ़ते अवैध प्रवासियों की समस्या पर कड़ा रुख अपनाते हुए पुलिस ने हाल ही में व्यापक सत्यापन अभियान चलाया। इस अभियान के तहत, पिछले कुछ दिनों में कई बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया, जो अवैध रूप से भारत में रह रहे थे। इन सभी को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) के माध्यम से बांग्लादेश प्रत्यर्पण के लिए सौंपा गया।
तीन वर्षों से अवैध रूप से रह रहा था मोहम्मद साहिदुल इस्लाम
दिल्ली पुलिस ने शनिवार को दक्षिण-पश्चिम जिले में सत्यापन अभियान के दौरान मोहम्मद साहिदुल इस्लाम को गिरफ्तार किया। यह व्यक्ति पिछले तीन वर्षों से अवैध रूप से पालम गांव क्षेत्र में रह रहा था। सत्यापन के दौरान वैध दस्तावेज न पेश कर पाने के कारण उसे हिरासत में लिया गया। दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने उसे एफआरआरओ के जरिए बांग्लादेश भेजने की प्रक्रिया पूरी की।
इससे पहले, गुरुवार को सफदरजंग एन्क्लेव थाना पुलिस ने एक अभियान के तहत दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया। ये दोनों लियाकत (54 वर्ष) और उसकी पत्नी नसरीन (39 वर्ष)—2012 से दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे थे। इनकी पहचान भी सत्यापन अभियान के दौरान हुई। दोनों को कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद बांग्लादेश वापस भेज दिया गया।
सत्यापन अभियान के तहत वसंत कुंज दक्षिण पुलिस ने बांग्लादेश के राजशाही के शंकरपुर निवासी लवली खातून इस्लाम को गिरफ्तार किया। वह पिछले चार वर्षों से दिल्ली में रह रही थी। इसी अभियान के तहत बांग्लादेश के ढाका के डेमरा गांव निवासी मोहम्मद बबलू को भी हिरासत में लिया गया। इन दोनों को भी एफआरआरओ के माध्यम से उनके देश प्रत्यर्पित किया गया।
सत्यापन अभियान क्यों जरूरी?
विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) मधुप तिवारी ने कहा कि दिल्ली के उपराज्यपाल के आदेश के बाद अवैध प्रवासियों की पहचान और उन्हें वापस भेजने के लिए यह अभियान चलाया गया। इस पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा को सुदृढ़ करना और अवैध गतिविधियों पर रोक लगाना है।
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