उत्तर प्रदेश के संभल जिले में स्थित शाही जामा मस्जिद का हाल ही में हुआ सर्वे एक अहम और विवादास्पद मुद्दा बन गया है। 19 और 24 नवंबर 2024 को न्यायालय के आदेश पर हुए इस सर्वे की रिपोर्ट को अब न्यायालय को सौंपा जा चुका है। सूत्रों का दावा है कि सर्वेक्षण टीम ने अपनी रिपोर्ट में न्यायालय को 1000 से अधिक तस्वीरें प्रस्तुत किए हैं।
- सर्वे में शाही जामा मस्जिद के मुख्य द्वार के दो खंभों के शीर्ष पर कमल के फूल की आकृति मिली है। इसके ऊपर नक्काशीदार कलश भी पाया गया।
- इसी प्रकार, मस्जिद की मुख्य इमारत के बाहरी हिस्से में दो आले पाए गए, जिन पर मंदिर की घंटी के निशान थे। यह भी दावा किया गया कि मस्जिद के मुख्य गुंबद के अंदर मंदिर के घंटे की जंजीर पाई गई है।
- सर्वे में यह भी पाया गया कि मस्जिद के भीतरी खंभों पर शेषनाग जैसी आकृतियाँ थीं, जो भारतीय संस्कृति में एक महत्वपूर्ण प्रतीक मानी जाती हैं। इसके अलावा मस्जिद परिसर में दो बरगद के पेड़ पाए गए, जिनमें से एक पर कालिख का निशान था।
- मस्जिद के चबूतरे में एक कुआं भी पाया गया, जिसे अब पाट दिया गया है। यह कुआं लोहे के दरवाजे से बंद था, जो इसके ऐतिहासिक महत्व को और बढ़ाता है।
क्या है मामला?
यह सर्वे कोर्ट के आदेश पर 19 नवंबर 2024 को शुरू हुआ था, और उसके बाद 24 नवंबर को दूसरा सर्वे किया गया था। सर्वे के बाद कुछ हिंसक घटनाएं भी घटीं, जिसमें पांच लोग मारे गए। इस घटना ने इलाके में तनावपूर्ण माहौल पैदा कर दिया था और एक सप्ताह तक शांति का उल्लंघन हुआ। बाद में, संभल के अन्य क्षेत्रों में भी मंदिर और बावड़ी मिलने की खबरें आईं, जिन पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग और यूपी पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग ने भी अपना सर्वे किया। सर्वे की रिपोर्ट अब न्यायालय को सौंप दी गई है। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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