उत्तर प्रदेश के कासगंज में मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा किए गए दंगे में चंदन गुप्ता की हत्या के मामले में एनआईए कोर्ट ने 28 आरोपियों को दोषी करार दिया है। अब लखनऊ एनआईए अदालत कल सभी दोषियों को सजा सुनाएगी। इस मामले में सलीम, वसीम और नसीम को मुख्य आरोपी बनाया गया था।
क्या है पूरा मामला
मामला 8 साल पहले 2018 का है। जब 26 जनवरी 2018 के दिन गणतंत्र दिवस के मौके पर चंदन गुप्ता एबीवीपी और हिन्दू युवा वाहिनी के कार्यकर्ताओं के साथ कई हिन्दुओं ने कासगंज में तिरंगा यात्रा निकाली थी। लेकिन, जिले के मुस्लिम बहुल इलाके से तिरंगा यात्रा गुजरने लगी तो कट्टरपंथी मानसिकता से सने मुस्लिम भड़क गए। पहले से प्लानिंग के तहत कट्टरपंथियों ने पहले हिन्दुओं की तिरंगा यात्रा का विरोध किया। इस पर दोनों ही पक्षों में बहस हो गई।
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बाद में ये बहस मारपीट में बदल गई। ये वारदात जिले के बड्डूनगर इलाके में हुई, जहां करीब आधे घंटे तक मुस्लिम कट्टरपंथियों ने तिरंगा यात्रा पर पत्थरबाजी की। इसके बाद दंगाइयों ने चंदन गुप्ता को गोली मार दी। घायल अवस्था में चंदन को अस्पताल ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत बता दिया। इस घटना के बाद पूरे शहर में तनाव पसर गया। दंगे की आशंका के चलते राज्य सरकार ने पीएसी और आरएएफ को तैनात कर दिया। इस मामले में 29 लोगों को आरोपी बनाया गया था।
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हालात बिगड़ने से बचाने के लिए प्रशासन को पूरे जिले में इंटरनेट सेवाओं को भी ठप करना पड़ा। बाद में इस मामले की जांच एनआईए को सौंप दी गई। अब 8 साल के बाद लखनऊ कोर्ट ने मामले में अहम फैसला सुनाते हुए 28 आरोपियों को दोषी करार दे दिया है।
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