छत्तीसगढ़ में वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज की प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम संगठन के लोग आपस में ही भिड़ गए। दोनों पक्षों के बीच जमकर लाठी और डंडे चले। इस भिड़ंत में दोनों ही पक्षों के कई लोग बुरी तरह से घायल हो गए। बाद में पुलिस ने बीच-बचाव किया।
क्या पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि छत्तीसगढ़ वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सलीम राज महासमुंद के दौरे पर आए थे। यहां उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस बीत मुतवल्ली की शिकायत करने को लेकर मुस्लिम जमात के लोग पहुंचे। लेकिन, जैसे ही मुस्लिम जमात के लोगों ने मुतवल्ली की शिकायत करनी शुरू की तो वहां पर पहले से मौजूद मुतवल्ली जमील राजू चौहान और उसके साथियों ने इसका विरोध किया। विवाद बढ़ने के बाद दोनों ही पक्षों में मारपीट शुरू हो गई। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर जानलेवा हमले किए।
इस मारपीट में करीब 15 लोगों चोटें आई हैं। वहीं बाद में पुलिस ने दोनों पक्षों को शांत कराया और फिर इस मामले में मारपीट, गाली गलौच, बलवा और हत्या की धमकी का केस दर्ज कर लिया है।
क्यों हुआ बवाल
इस बवाल के पीछे के कारणों को जानने की कोशिश करें तो पता चलता है कि मुस्लिम जमात में जो मौजूदा मुतवल्ली का कार्यकाल खत्म हो चुका है। अभी इसके लिए चुनाव होने हैं, लेकिन उससे पहले ही वक्फ बोर्ड ने जमील राजू चौहान को कार्यकारिणी का मुतवल्ली बना दिया, जिसके बारे में जमात के कुछ लोगों को पता नहीं था। लेकिन, जब इसकी जानकारी लोगों को लगी तो उन्होंने इसका विरोध करना शुरू कर दिया। जमात के लोग वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष से जमील की ही शिकायत करने के पहुंचे थे।
बहरहाल, इस घटना की आलोचना करते हुए प्रदेश वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष का कहना है कि मस्जिदों को सियासत का अखाड़ा बना दिया गया है। कम से कम इसे तो राजनीति से दूर रखो। वक्फ बोर्ड का आरोप है कि जहां भी संपत्ति को लेकर उसका दौरान होता है, वहां विवाद की स्थिति बन ही जाती है।
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