उत्तर प्रदेश के संभल स्थित कथित जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा किए गए बवाल के बाद अब प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जामा मस्जिद के पास ही एक पुलिस चौकी स्थापित करने जा रही है। वैदिक परंपरा के अनुसार पंडित को बुलाकर पूजन किया गया और पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में चौकी की नीव की ईंट रखी गई।
रिपोर्ट के अनुसार एएसपी श्रीचंद्र और कोतवाली प्रभारी अनुज तोमर ने नीव की ईंट रखी। वास्तु शास्त्र को ध्यान में रखते हुए जामा मस्जिद के सामने ही इसकी पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है। चौकी की नीव रखे जाने के बाद एएसपी श्रीचंद्र ने बताया कि संभल का ये इलाका सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही संवेदनशील माना जाता है, इसलिए लंबे वक्त से लोग इसकी मांग कर रहे थे। यहां की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए नई चौकी स्थापित की जा रही है।
चौकी निर्माण को देखते हुए यहां पर भारी पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। इसके साथ यहां पर आरएएफ जवानों की भी तैनाती की गई है।
24 नवंबर को हुई थी हिंसा
19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल स्थित चंदौसी की अदालत में संभल की शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने को लेकर कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि, हरिशंकर जैन समेत आठ वादकारियों ने छह लोगों के विरुद्ध दावा दायर किया था।
इसके बाद कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव को नियुक्त करके सर्वे (कमीशन) किए जाने के आदेश दिया था। बाद में 24 अगस्त को सर्वे के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाया था। 4 लोगों की मौत भी हो गई थी। हालांकि, पुलिस प्रशासन की सख्ती के आगे प्रदर्शनकारियों की एक नहीं चली। सर्वे पूरा कर लिया गया था। विष्णु शंकर जैन ने संभल की कथित मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए कहा कि 1526 में मुगल आक्रान्ता बाबर ने मंदिर को तोड़कर उसके स्थान पर मस्जिद को बनाने की कोशिश की थी। ये भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है, जिस पर किसी का कोई अतिक्रमण नहीं हो सकता है।
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