नई दिल्ली । दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में शिव मंदिर के नाम पर फर्जी भंडारे के लिए चंदा मांगते हुए दो इस्लामवादियों को पकड़ा गया है। सोशल मीडिया पर दोनों का वीडियो खूब वायरल हो रहा है। इनमें से एक का नाम फरदीन और दूसरे का नाम शोएब खान है। ये दोनों राजौरी गार्डन के रहने वाले हैं।
बताया जा रहा है कि दोनों नजफगढ़ सब्जी मंडी में शिव मंदिर के नाम पर चंदा इकट्ठा कर रहे थे। ये इस चंदे से कढ़ी-चावल का भंडारा करवाने चाहते थे, लेकिन उससे पहले ही दोनों को मौके पर पकड़ लिया गया। इन्होंने चंदा मांगकर चार सौ से पांच सौ रुपए इकट्ठे कर लिए थे। इन रुपयों को गौशाला के लिए दे दिया गया है। जब स्थानीय लोगों ने इनके नाम और पते की पुष्टि करने के लिए दोनों के आधार कार्ड मांगे तो इन्होंने पहले दिखाने में आनाकानी की, लेकिन जब इन पर दबाव बनाया गया कि बिना आधार कार्ड देखे इन्हें नहीं छोड़ा जाएगा तब जाकर दोनों ने अपने पहचान पत्र दिखाए। आधार कार्ड में दोनों के नाम सही पाए गए। भगवान के नाम पर चंदा मांगने वाले फरदीन और शोएब अपनी असली पहचान उजागर होने के बाद काफी डरे हुए नजर आए।
सोशल मीडिया पर लव जिहाद, थूक जिहाद के बाद अब इस्लावादियों को चंदा जिहाद के नाम से घेरा जा रहा है। फेसबुक पर राकेश यादव हिंदू ने इस्लामवादियों का वीडियो शेयर कर इसे चंदा जिहाद का नाम दिया है। राकेश यादव हिंदू बजरंग दल नाहरगढ़ नजफगढ़ के जिला संयोजक हैं। इंस्टाग्राम पर इनका वीडियो देखने के बाद देव गिरी नाम के यूजर ने लिखा कि भिखारी, भीख मांगने के लिए भी इनको हमारे धर्म का सहारा लेना पड़ता है। इनका मजहब तो इस काबिल भी नहीं।
केशव देव बघेल लिखते हैं कि पुलिस इनकी अच्छे से खातिरदारी करे। एक यूजर ने इंस्टाग्राम पर लिखा कि इनका तो आधार कार्ड भी फेक लगता है। वहीं जय कुमार ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि दान करने से पहले ही इनका आईडी देख लेना चाहिए और रेहड़ी-पटरी वालों से कुछ भी खरीदने से पहले उनका क्यूआर कोड स्कैन कर लें तो इनकी पहचान निकल जाएगी। गौरव लिखते हैं कि तुम कन्वर्ट ही क्यों हुए, जब भगवान के नाम पर ही जीना था।
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