उत्तर प्रदेश

संभल: रानी की बावड़ी में मिला प्राचीन गलियारा, लाडो सराय में मिला सौ साल पुराना कुआं

उत्तर प्रदेश के संभल जिले का चंदौसी क्षेत्र इन दिनों एक ऐतिहासिक खोज का केंद्र बना हुआ है। यहां की रानी की बावड़ी में की जा रही खुदाई से हर दिन नई-नई प्राचीन संरचनाओं का पता चल रहा है।

Published by
Mahak Singh

उत्तर प्रदेश के संभल जिले का चंदौसी क्षेत्र इन दिनों एक ऐतिहासिक खोज का केंद्र बना हुआ है। यहां की रानी की बावड़ी में की जा रही खुदाई से हर दिन नई-नई प्राचीन संरचनाओं का पता चल रहा है। प्रशासन और पुरातत्व विभाग के प्रयासों से रविवार को बावड़ी के अंदर एक और प्राचीन गलियारा खोजा गया। यह खोज न केवल स्थानीय इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की गवाही के रूप में भी देखा जा रहा है।

चंदौसी के लक्ष्मणगंज क्षेत्र में स्थित यह बावड़ी एक अनोखा ऐतिहासिक स्मारक है। वर्तमान खुदाई में अब तक लगभग सात फीट गहराई तक खुदाई की जा चुकी है, जिसमें पांच गलियारे, आठ सीढ़ियां, और एक मुख्य गेट मिलने की पुष्टि हुई है। यह मुख्य गेट बावड़ी का प्रवेश द्वार है, जो प्राचीन निर्माण शैली का उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत करता है। खुदाई में मिले गलियारों से यह संभावना जताई जा रही है कि यह संरचना दो मंजिल गहरी हो सकती है।

बावड़ी को नुकसान से बचाने के लिए इस कार्य में मशीनरी के बजाय मजदूरों की मदद ली जा रही है। चंदौसी नगरपालिका के अनुसार, खुदाई का कार्य बहुत ही ध्यानपूर्वक और व्यवस्थित तरीके से किया जा रहा है। नगरपालिका इंस्पेक्टर प्रियंका सिंह ने बताया, “हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि खुदाई से बावड़ी के प्राचीन ढांचे को कोई नुकसान न पहुंचे। जब तक नए ढांचे और संरचनाएं मिलती रहेंगी, खुदाई का काम जारी रहेगा।”

रानी की बावड़ी को देखने के बाद विशेषज्ञों का मानना है कि इसके अंदर एक कुआं या जल स्रोत हो सकता है। प्राचीन बावड़ियां जल संरक्षण और प्राचीन जल प्रबंधन का हिस्सा हुआ करती थीं। यह खोज न केवल ऐतिहासिक महत्व की है, बल्कि वर्तमान जल संकट के समय में यह एक प्रेरणा का स्रोत भी बन सकती है।

लाडो सराय का कुआं भी चर्चा में

रानी की बावड़ी के अलावा, संभल के लाडो सराय क्षेत्र में भी एक सौ साल पुराना कुआं खोजा गया है। यह कुआं वर्षों से मिट्टी और कचरे से ढंका हुआ था। प्रशासन द्वारा पुराने नक्शों के आधार पर इस क्षेत्र की खुदाई की जा रही है। अब तक कुल 19 कुओं की जानकारी सामने आई है, जिसमें से यह कुआं उनमें से एक है।

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