लोगों की समस्या का हल निकालना ही सुशासन, अटल जी ने हमेशा इसके लिए कार्य किया : नवनीत सहगल
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लोगों की समस्या का हल निकालना ही सुशासन, अटल जी ने हमेशा इसके लिए कार्य किया : नवनीत सहगल

जब भी बात आती है शासन और सुशासन की तो स्वाभाविक तौर पर सरकार की नीतियों की बात होती है। अटल जी इस बारे में बहुत चिंतित रहते थे के समाज के आखिरी व्यक्ति तक हमारी योजनाओं का लाभ कैसे पहुंचे।

by Kuldeep singh
Dec 24, 2024, 03:38 pm IST
in भारत
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गोवा में पाञ्चजन्य के सागर मंथन संवाद में प्रसार भारती के अध्यक्ष नवनीत सहगल ने सुशासन और प्रशासन के मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि लोगों की समस्या का हल निकालना ही सुशासन है। अटल जी लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए चिंतित रहते थे।

जब भी बात आती है शासन और सुशासन की तो स्वाभाविक तौर पर सरकार की नीतियों की बात होती है। अटल जी इस बारे में बहुत चिंतित रहते थे के समाज के आखिरी व्यक्ति तक हमारी योजनाओं का लाभ कैसे पहुंचे। जब सुशासन की बात करते हैं तो इसका अर्थ ये होता है कि लोगों की आकांक्षाओं पर आप कैसे खरा उतरते हैं। सरकार सुरक्षित माहौल दे, सुविधाओं की उन तक पहुंच हो। लोगों को उसका लाभ भी मिले। सामान्यतया, प्रशासन और सुशासन के बीच लोग फर्क नहीं कर पाते हैं। लेकिन, मैं यहां तीन बातें कहूंगा। शासन, सुशासन और सुसेवा। शासन का अर्थ ये है कि कोई नागरिक सरकारी दफ्तर में गया और सामने वाला अधिकारी आपसे कहे कि आप अमुक नियम में फिट नहीं होते हो इसलिए आपका का काम नहीं हो सकता।

सुशासन का अर्थ ये है कि कोई आता है तो उसकी समस्या का हल निकालना सुशासन है। जब मैं कलेक्टर या एसडीएम था तो हम लोग गांवों में जाया करते थे, तो महिलाओं की जो पेंशन है, वो कई महिलाओं को समय से नहीं मिलती थी। लेकिन, अब क्या है कि सरकार ने सिस्टम को ही बदल दिया है। जनधन के 53 करोड़ खाते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने खुलवाए हैं। जबकि, पहले ये हाल था कि बैंक में किसी का खाता ही नहीं खुलता था। लेकिन, अब दिल्ली से एक क्लिक पर लोगों के खातों में पैसे जा रहे हैं। उसके आगे यूपीआई ट्रांजैक्शन की सुविधा है। इसके अलावा बैंक सखी की सुविधा भी शुरू कर दी गई है। इस सुविधा के तहत वो आपके घर से पैसे लेकर बैंक में जमा करेगी और बैंक से निकालकर आपको पहुंचाएगी। मैं इसे सेवा मानता हूं।

नवनीत सहगल कहते हैं कि अगर आप गांवों में जाकर देखेंगे तो पाएंगे कि ये महिलाओं के लिए कितनी बड़ी स्वतंत्रता है। क्योंकि अगर एक गरीब महिला के पास 500 रुपए भी हैं तो वो उसके लिए बड़ी बात है। अगर आप राजनीति की दृष्टि से इसे देखें तो आप पाते हैं कि जो पार्टी महिलाओं के लिए योजनाएं लाती है, वही सत्ता में आती है। ये सुशासन का एक बड़ा उदाहरण है। क्योंकि, इस देश में ऐसा भी हुआ है कि पहले सरकार एक रुपए भेजती थी, तो लाभार्थी तक केवल 15 पैसे ही पहुंचते थे। इसके अलावा महिलाओं के लिए सबसे बड़ी डिग्निटी की बात शौचालय थी। देश में 12 करोड़ से अधिक शौचालय बने हैं।

क्योंकि, पहले अगर आप गावों में जाते थे, तो देखते थे कि सड़कों के किनारे महिलाएं खड़ी होती थीं। लाइट पड़ते ही हड़बड़ाकर भागती थीं। शौचालय देना एक सेवा है। कहीं पर ये लिखा नहीं कि शौचालय आपको देना है, लेकिन किसी ने इस बारे में सोचा तब जाकर ऐसा हुआ। मैं इसे सेवा मानता हूं। आप जनता को उसके दरवाजे तक सुविधाएं दे रहे हैं। आप राशन सुविधा को ही ले लीजिए। ये एक गरीब आदमी के लिए बहुत बड़ा संबल है। अब कोई मजदूर यूपी से मुंबई भी चला जाए तो वो राशन कार्ड के जरिए राशन ले सकता है। राशन कार्ड की ये पोर्टेबिलिटी ही सेवा है।

पिछले 10 साल में 75000 मेडिकल सीट बढ़ी

इस मौके पर नवनीत सहगल ने युवाओं का जिक्र करते हुए कहा कि आज की युवा पीढ़ी तेजी से तरक्की करना चाहती है। लेकिन, उन्हें लगता है कि उनके पास मौके नहीं हैं। लेकिन, प्रधानमंत्री इंटर्नशिप प्रोग्राम के लिए करोड़ों की संख्या में युवाओं ने अपना रजिस्ट्रेशन करवाया है। सरकार ने भी कंपनियों को इन बच्चों को नौकरियां देने के लिए आदेश दिया है। इसके अलावा मेडिकल की बात करें तो पिछले 10 साल में 75,000 से अधिक मेडिकल सीटें बढ़ी हैं। इससे युवाओं को एक डायरेक्शन मिला है कि वो आगे बढ़कर अपना कारोबार करें। जरूरी ये नहीं कि हर बच्चा नौकरी करे। अपने स्टार्टअप को भी स्टार्ट कर सकते हैं। अब तक करीब 12 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रधानमंत्री युवा योजना के तहत लोन दिए गए हैं।

नवनीत सहगल बताते हैं कि एक सर्वे से पता चला है कि इन स्टार्टअप्स से 30 लाख से अधिक बच्चों को रोजगार मिला है। ये अटल जी के सुशासन के संकल्प के तहत बहुत बड़ा परिवर्तन देखने को मिला है। ये सुशासन अब धीरे-धीरे सेवा की तरफ अग्रसर हो रहा है। सुशासन का अर्थ ये है कि आप अपने आपको सामने वाले के स्थान पर रखकर देखिए। फिर ये सोचिए कि अगर आप किसी कार्य को लेकर गए हैं तो आपकी मन: स्थिति क्या होगी।

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