गाजियाबाद के मोदीनगर के आबिदपुर गांव में एक धार्मिक विवाद गहराता जा रहा है। आरोप है कि भगवान शिव के एक प्राचीन शिवलिंग को कब्रिस्तान की दीवार के अंदर कैद करने की साजिश रची जा रही है। आबिदपुर गांव में एक कब्रिस्तान की चाहरदीवारी के पास एक शिवलिंग स्थापित है, जिसके बारे में दावा किया जा रहा है जो 150 साल पुराना है। हिंदू समाज के अनुसार, इस शिवलिंग की पूजा-अर्चना लोग वर्षों से करते आ रहे हैं। हालाँकि, हाल के दिनों में शिवलिंग की स्थिति को लेकर विवाद शुरू हुआ है।
हिंदू युवा वाहिनी और अन्य संगठनों ने आरोप लगाया है कि शिवलिंग को कब्रिस्तान की बाउंड्री के अंदर कैद करने का प्रयास किया जा रहा है। इस विवाद के बीच, शिवलिंग के पास गंदगी और उपेक्षा की स्थिति को लेकर भी शिकायतें उठाई जा रही हैं।
शिवलिंग के पास जलाभिषेक और विरोध प्रदर्शन
प्रकरण के विरोध में हिंदू संगठनों ने प्रदर्शन किया और शिवलिंग का जलाभिषेक किया। इस दौरान मंत्रोच्चारण के साथ पूजा-अर्चना भी की गई। इसके साथ ही हिंदू समुदाय ने मांग उठाई है कि शिवलिंग तक पहुंचने के लिए एक रास्ता बनाया जाए और वहां एक मंदिर का निर्माण किया जाए।
पुलिस में शिकायत दर्ज
इस विवाद को लेकर मोदीनगर थाने में शिकायत दर्ज की गई है। शिकायत में कहा गया है कि शिवलिंग के आसपास गंदगी है और इसे जानबूझकर कब्रिस्तान की चाहरदीवारी में शामिल करने का प्रयास किया गया है। हिंदू संगठनों ने पुलिस से मांग की है कि शिवलिंग की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और इसकी पवित्रता बनाए रखी जाए।
आबिदपुर गांव की जनसंख्या का लगभग 80% हिस्सा मुस्लिम समुदाय का है। हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया है कि शिवलिंग को दबाने और हिंदू धर्म के प्रतीकों को कमजोर करने की कोशिश हो रही है।
मंदिर निर्माण की मांग
हिंदू पक्ष ने शिवलिंग के पास एक मंदिर के निर्माण की मांग की है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और दोनों समुदायों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
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