वाराणसी: मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र मदनपुरा में मिले महादेव के मंदिर को लेकर विवाद गहराता चला जा रहा है। एक ओर जहां हिंदू संगठन पूजा-पाठ शुरू करने के लिए तमाम प्रयास कर रहे हैं। वहीं जिस मकान में मंदिर मिला है। उस मकान के मालिक शहाबुद्दीन ने पूजा पाठ न करने की बात कही है। उनका कहना है कि यथा स्थिति मंदिर की जैसी है, वैसी ही रहने दिया जाए। मंदिर की देख रख में जो जरूरत होगी, वह किया जाएगा।
शहाबुद्दीन ने बताया कि एक बंगाली परिवार से हमारे पूर्वज ताज बाबा ने प्रापर्टी को खरीदा था। जब बंगाली परिवार यहां से गया तो सब कुछ साथ लेकर गया। अब पूजा पाठ करने से स्थानीय लोगों पर असर पड़ेगा। यहां के लोग किसी तरह से जीविका चलाते है। भीड़भाड़ का इलाका है, लोगों को परेशानी होगी। मंदिर का स्वरूप कभी बदला नहीं जाएगा। मंदिर 60 सालों से बंद है। चल-अचल संपत्ति को परिवार अपने साथ ले गया।
एडीएम आलोक वर्मा ने बताया कि प्रकरण पर जांच चल रही। रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है। शांति व्यवस्था को देखते हुए सुरक्षा के लिए फोर्स तैनात कर दी गई है। काशी विद्वत परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री प्रो रामनारायण द्विवेदी ने बताया कि जिलाधिकारी को पत्र भेजकर पूजा पाठ की मांग की गई है। मंदिर मिलने के बाद पूजन करने देना चाहिए। इस मुद्दे पर किसी को आपत्ति नहीं होना चाहिए।
Leave a Comment