कांग्रेस का फिलिस्तीन प्रेम किसी से छुपा नहीं है। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा सोमवार (16 दिसंबर) को फिलिस्तीन के समर्थन वाला एक बैग लेकर संसद पहुंचीं। हैंड बैग पर शांति का प्रतीक सफेद कबूतर और तरबूज भी बना हुआ है, जिसे फिलिस्तीनी एकजुटता का प्रतीक माना जाता है। इस बैग के जरिए एक बार फिर प्रियंका गांधी फिलिस्तीन के समर्थन में नजर आई हैं। कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर उनकी तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “प्रियंका गांधी जी ने फिलिस्तीन के प्रति अपनी एकजुटता दिखाते हुए एक विशेष बैग लिया हुआ है, जो उनके समर्थन का प्रतीक है। यह करुणा, न्याय और मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत है। उनका स्पष्ट मानना है कि कोई भी जिनेवा कन्वेंशन का उल्लंघन नहीं कर सकता।” देखते ही देखते सोशल मीडिया पर कांग्रेस सांसद की बैग लेकर संसद पहुंचने की तस्वीर और वीडियो वायरल हो गई। इसको लेकर वह यूजर्स के निशाने पर आ गई हैं। वायरल वीडियो में उन्हें यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मुझे क्या पहनना है, ये कोई रूढ़िवादी नहीं बताएगा।”
एक्स पर बलियान नाम के यूजर्स ने लिखा कि संसद में फिलिस्तीन का झोला उठाए घूम रही है वाड्रायण। इन्हें बांग्लादेश नहीं दिखता, इन्हें अपने देश के तीन-तीन टुकड़े हुए नहीं दिखते हैं। उन्हें सिर्फ अपने वोट दिखते हैं। वो बालक बुद्धि है, ये नवजात बुद्धि साबित होनी है।
जितेंद्र प्रताप सिंह लिखते हैं कि बांग्लादेश में सैकड़ों हिंदू मारे गए। सैकड़ों हिंदू लड़कियों और महिलाओं के साथ बलात्कार हुआ। 300 से ज्यादा मंदिर तोड़े गए। ढाका के मुख्य इस्कॉन मंदिर को दो बार जलाया गया। कई हिंदू साधु-संत गिरफ्तार हैं, लेकिन इस महिला के मुंह से बांग्लादेश के हिन्दुओं के लिए एक शब्द भी नहीं निकला। इसने कभी बांग्लादेश के लिए कोई प्रदर्शन नहीं किया। लेकिन यह गाजा के उन दरिंदों के लिए दुखी हो रही है, जिन्होंने 7 अक्टूबर को दरिंदगी की। विश्व के इतिहास में ऐसा कहीं नहीं है। गाजा के दरिंदों ने इजराइल में घुसकर दरिंदगी की और आज भी गाजा के दरिंदो के पास 138 बंधक कैद हैं। इसराइल कहता है कि हमारे बंधक वापस कर दो हम युद्ध रोक देंगे। फिर भी इस महिला ने एक बार भी हमास के लोगों को नहीं कहा कि बंधकों को इसराइल को सौंप देना चाहिए।”
उन्होंने आगे कहा, ”मैं सोचता हूं कि वह कौन से हिंदू हैं जो इस कांग्रेस को वोट देते हैं? वह हिंदू हो ही नहीं सकते वह किसी हिंदू की औलाद नहीं हो सकते वह किसी असलम या अब्दुल की औलाद होंगे। वरना एक सच्चा हिंदू कभी भी यह सब देखकर कांग्रेस को वोट नहीं दे सकता।”
रितेश सिंह ने लिखा कि इनके इन्ही चाल चलन की वजह से कांग्रेस धीरे-धीरे समाप्त हो जाएगी। एक अन्य यूजर ने लिखा कि फिलिस्तीन को एक मजबूत कंधों का सहारा मिल गया। वायरल तस्वीर पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए राजेंद्र बंसल नाम के यूजर लिखते हैं, “इसकी दादी ने फिलिस्तीनी बंदर यासर अराफात का खूब समर्थन और स्वागत किया था और इसके बाप ने भी उस बंदर को शांति पुरस्कार के नाम पर भारत की जनता के टैक्स के पैसे से करोड़ों रुपए दिए। इस पैसे के साथ अन्य मानवीय सहायता से प्राप्त 8 बिलियन डॉलर इसकी मौत के बाद इसकी लड़की को मिल गए।”
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब प्रियंका ने फिलिस्तीन का समर्थन किया हो। इससे पहले जुलाई 2024 में भी प्रियंका ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी। तब उन्होंने कहा था कि गाजा में इजराइल सरकार ने क्रूरतापूर्वक नरसंहार किया है। इस साल फरवरी में भी कांग्रेस सांसद ने कहा था कि इस युद्ध में मानवता और अंतरराष्ट्रीय मर्यादा के सभी नियम टूट गए हैं और दुनिया ने आंखों पर पट्टी बांध रखी है।
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