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ईरान: इस्लामी कट्टरपंथ की भेंट चढ़ी एक और कलाकार, गायिका पारस्तु अहमदी हिजाब उल्लंघन के मामले में गिरफ्तार

2022 में महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद देशव्यापी प्रदर्शन हुए थे, तो उस दौरान अहमदी ने अज़ ख़ून-ए जावनन-ए वतन (“राष्ट्र के युवाओं के ख़ून से”) गाना गाया था। इसके बाद भी उन्हें नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए ईरानी सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था।

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Kuldeep singh

ईरान की इस्लामिक कट्टरपंथी सरकार अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रही है। वहां पर शरिया कानून लागू करने और महिलाओं को कैद करने के लिए अली खामनेई और मसूद पजेशकियान की सरकार सभी हदों को पार करने पर तुली हुई है। ताजा मामले में ईरानी पुलिस ने महिला गायिका पारस्तू अहमदी को गिरफ्तार कर लिया है। वह केवल इसलिए कि उन्होंने कॉन्सर्ट के दौरान हिजाब नहीं पहना हुआ था।

ईरान इंटरनेशल की रिपोर्ट में पारस्तू अहमदी ने यूट्यूब पर ऑनलाइन म्यूजिकल कॉन्सर्ट किया था। जैसे ही उनका गाना यूट्यूब पर अपलोड हुआ तो उसके ठीक दिन बाद उन्हें उत्तरी ईरान के मजंदरान से गिरफ्तार कर लिया गया। हालांकि, अहमदी के वकील मिलाद पनाहिपुर का कहना है कि गिरफ्तारी के बाद से पारस्तु अहमदी का कुछ भी पता नहीं चल पा रहा है। ईरानी पुलिस अधिकारियों ने पारस्तु को कहां रखा है, इसके बारे में किसी को कुछ भी नहीं पता।

इतना अवश्य है कि पारस्तू के म्यूजिकल बैंड में शामिल रहे दो अन्य सदस्यों एहसान बेराघदार और सोहेल फगीह-नासिरी को भी शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया था। इस मामले में ईरान की अदालत भी कट्टरपंथी बयानबाजी कर रही है। 12 दिसंबर को अदालत ने एक फैसले में कहा कि संगीत कार्यक्रम कानूनी प्राधिकरण और शरिया के नियमों के खिलाफ जाकर आयोजित किया गया था। गायिका और उसके सहयोंगियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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1.5 मिलियन से अधिक बार देखा गया

ईरान में यूट्यूब पर प्रतिबंध लगा हुआ है, बावजूद इसके हिजाब कानून के खिलाफ जाकर पारस्तु की दिलेरी तेजी से वायरल हुई है। यूट्यूब पर उनके गानों को ईरानी सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है। तीन दिन के अंदर ही इस गाने को यूट्यूब पर 1.5 मिलियन से अधिक बार देखा जा चुका है। 1997 में ईरान के नौशहर में पैदा हुई पारस्तु अहमदी सोरेह यूनिवर्सिटी से डायरेक्शन में ग्रेजुएट हैं। उल्लेखनीय है कि जब 2022 में महसा अमिनी की हिरासत में मौत के बाद देशव्यापी प्रदर्शन हुए थे, तो उस दौरान अहमदी ने अज़ ख़ून-ए जावनन-ए वतन (“राष्ट्र के युवाओं के ख़ून से”) गाना गाया था।

इसके बाद भी उन्हें नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए ईरानी सरकार ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। अहमदी के घर की भी जांच की गई थी। बता दें कि ईरान में अपनी कला का प्रदर्शन करने के मामले में अहमदी से पहले शेरविन हाजीपुर, मेहदी यारही, समन यासीन और तूमाज सालेही जैसे संगीतकारों को गिरफ्तार कर लिया गया था।

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