नई दिल्ली । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को संविधान की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर लोकसभा में चर्चा के दौरान संविधान की महत्ता और देश की एकता को मजबूत करने वाले सुधारों पर जोर दिया। प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्य में कांग्रेस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “संविधान का दुरुपयोग करना और उसकी भावना को खत्म करना, कांग्रेस के डीएनए का हिस्सा रहा है।” उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार के लिए संविधान की पवित्रता और अखंडता सर्वोपरि है।
संविधान की रक्षा के लिए हमारी तपस्या
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने समय की कसौटी पर संविधान का सम्मान करते हुए फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा, “हमारे लिए संविधान केवल शब्दों का समूह नहीं है, यह हमारी कार्यशैली का आधार है। हमने संविधान के माध्यम से देश की एकता और अखंडता को मजबूत किया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने संविधान के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ संशोधन किए हैं। प्रधानमंत्री ने अनुच्छेद 370 के उन्मूलन और महिलाओं को आरक्षण देने जैसे ऐतिहासिक कदमों को अपनी सरकार की उपलब्धियों के रूप में प्रस्तुत किया।
कांग्रेस पर निशाना
प्रधानमंत्री ने कांग्रेस पर तीखा हमला करते हुए कहा कि सत्ता का सुख और सत्ता की भूख ही कांग्रेस का इतिहास रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने संविधान में 75 बार संशोधन करके उसकी भावना को लहूलुहान किया। उन्होंने कहा कि “1951 में अभिव्यक्ति की आजादी पर हमला करते हुए कांग्रेस ने अध्यादेश लाया था।”
प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने समय-समय पर संविधान का दुरुपयोग किया और आरक्षण जैसे मुद्दों पर राजनीति की। उन्होंने कांग्रेस पर परिवारवाद को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया और कहा कि कांग्रेस ने देश के लोकतांत्रिक ढांचे को कमजोर करने के प्रयास किए हैं।
संविधान की भावना के प्रति हमारी सरकार का समर्पण
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने संविधान की भावना के प्रति पूर्ण समर्पण के साथ कार्य किया है। उन्होंने कहा कि “एक राष्ट्र, एक राशन कार्ड” और “एक राष्ट्र, एक हेल्थ कार्ड” जैसे सुधारों के माध्यम से सरकार ने गरीबों और पिछड़े वर्गों के उत्थान का संकल्प लिया है।
उन्होंने बताया कि उनकी सरकार के प्रयासों से 25 करोड़ लोगों को गरीबी से बाहर निकाला गया है।
11 संकल्प : विकसित भारत @2047
प्रधानमंत्री ने लोकसभा में चर्चा के दौरान देश के लिए 11 संकल्प रखे, जो भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के उद्देश्य से प्रेरित हैं। उनके संकल्पों में निम्नलिखित शामिल हैं:
- हर नागरिक और सरकार अपने कर्तव्यों का पालन करें।
- सभी समाजों और क्षेत्रों को विकास का लाभ मिले।
- भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस।
- संविधान का सम्मान और उसकी भावना के प्रति समर्पण।
- धर्म के आधार पर आरक्षण का विरोध।
- महिला नेतृत्व में विकास।
- गुलामी की मानसिकता से मुक्ति।
- देश की राजनीति को परिवारवाद से मुक्ति।
- भारत की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत पर गर्व।
- राज्य के विकास को राष्ट्र के विकास से जोड़ना।
- एक भारत, श्रेष्ठ भारत का ध्येय।
संविधान की 75 वर्षों की गौरव यात्रा
प्रधानमंत्री ने कहा कि संविधान की 75 वर्षों की यात्रा विश्व के सबसे महान लोकतंत्र की यात्रा है। उन्होंने संविधान निर्माताओं की दूरदृष्टि को सराहते हुए कहा कि “भारत का लोकतंत्र और लोकतांत्रिक अतीत बहुत समृद्ध है और विश्व के लिए प्रेरणादायक है।”
प्रधानमंत्री ने विशेष रूप से अनुच्छेद 370 का उल्लेख करते हुए कहा कि यह अनुच्छेद देश की एकता में बाधा बना हुआ था। उन्होंने कहा, “हमने अनुच्छेद 370 को जमीन में गाड़ दिया और देश को एकता का नया आधार दिया।”
महिलाओं के लिए ऐतिहासिक कदम
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उनकी सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण को प्राथमिकता दी है। उन्होंने गर्व व्यक्त करते हुए कहा कि “संविधान की 75वीं वर्षगांठ पर देश के सर्वोच्च पद पर एक आदिवासी महिला का होना, हमारे लोकतंत्र की ताकत को दर्शाता है।”
भारत की विकास यात्रा
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत तेजी से विकास कर रहा है और जल्द ही विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि 140 करोड़ देशवासियों के प्रयासों से आजादी के शताब्दी वर्ष तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाया जाएगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत का संविधान देश की एकता और अखंडता का आधार है। उन्होंने सभी नागरिकों से संविधान का पालन करने और अपने मौलिक कर्तव्यों का निर्वहन करने का आह्वान किया। प्रधानमंत्री ने विश्वास जताया कि अगर सभी नागरिक अपने कर्तव्यों का पालन करें, तो कोई भी शक्ति भारत को विकसित राष्ट्र बनने से रोक नहीं सकती।
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