क्या 73 साल के फ्रास्वां बायरू थाम पाएंगे फ्रांस में डगमगाती राजनीति! 3 महीने में दूसरे प्रधानमंत्री बनेंगे बायरू
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

क्या 73 साल के फ्रास्वां बायरू थाम पाएंगे फ्रांस में डगमगाती राजनीति! 3 महीने में दूसरे प्रधानमंत्री बनेंगे बायरू

मध्यमार्गी गठबंधन का संसद में बहुमत न होने की वजह से बायरू को बहुत संतुलन बैठाने की जरूरत पड़ेगी

by WEB DESK
Dec 14, 2024, 03:20 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
राष्ट्रपति मैक्रों ने फ्रास्वां बायरू (बाएं) का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए सामने रखा

राष्ट्रपति मैक्रों ने फ्रास्वां बायरू (बाएं) का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए सामने रखा

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

नए प्रधानमंत्री के रूप में फ्रांस्वा बायरू के सामने भी चुनौतियां कम नहीं होंगी लेकिन उनके लंबे राजनीतिक अनुभव को देखते हुए, राष्ट्रपति मैक्रों मानते हैं कि वे देश को अस्थिरता के दौर से उबार लेंगे। जैसा पहले बताया, फ्रांस की नेशनल असेंबली में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण उस देश में अभूतपूर्व राजनीतिक असमंजसता पैदा हुई है।


फ्रांस में ​गत आम चुनाव में किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत न मिलने और वामपंथी दलों के गठबंधन को सत्ता में आने देने से रोकने के चलते राष्ट्रपति इमानुएल मैक्रों के सामने एक के बाद एक चुनौती आ रही है। देश को चलाने के लिए मजबूत सरकार बनाने के लिए उन्होंने पहले बार्नियर को प्रधानमंत्री बनाया था। लेकिन गत सप्ताह बार्नियर और उनकी सरकार को ​अविश्वास प्रस्ताव में पराजित होने के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद अब मैक्रों ने बायरू पर अपना भरोसा जताया है।

नए प्रधानमंत्री के रूप में फ्रांस्वा बायरू के सामने भी चुनौतियां कम नहीं होंगी लेकिन उनके लंबे राजनीतिक अनुभव को देखते हुए, राष्ट्रपति मैक्रों मानते हैं कि वे देश को अस्थिरता के दौर से उबार लेंगे। जैसा पहले बताया, फ्रांस की नेशनल असेंबली में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत न मिलने के कारण उस देश में अभूतपूर्व राजनीतिक असमंजसता पैदा हुई है। जहां वामपंथी गठबंधन खुद को सरकार बनाने का जायज हकदार मान रहा है तो वहीं

राष्ट्रपति मैक्रों नहीं चाहते कि चुनावों के दौरान हिंसक प्रदर्शन करने वाले इस गठबंधन को सत्ता के आसपास भी फटकने दिया जाए। नए नामित प्रधानमंत्री बायरू के जल्दी अपनी सरकार का गठन करने की उम्मीद है। इसके लिए उन्होंने विभिन्न दलों के वरिष्ठ नेताओं के चर्चा करनी शुरू भी कर दी है।

गत सप्ताह बार्नियर (बाएं) और उनकी सरकार को ​अविश्वास प्रस्ताव में पराजित होने के बाद इस्तीफा देना पड़ा

मैक्रों ने जब कल फ्रांस्वा बायरू का नाम प्रधानमंत्री पद के लिए सामने रखा तो सहयोगी दलों को बायरू का अनुभव देखते हुए एक तसल्ली सी महसूस हुई। लेकिन संसद में आंकड़े सत्तारूझ गठबंधन के पक्ष में उतने न होने से संसद में उनका सबका भरोसा जीतना एक टेढ़ी खीर साबित हो सकता है।

फ्रांस में पहले माना जा रहा था ​कि बार्नियर संसद में अविश्वास प्रस्ताव की परीक्षा झेल जाएंगे और उनकी सरकार बनी रहेगी, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। गत सप्ताह प्रस्तुत किए गए दक्षिणपंथी और वामपंथी दलों के साझा अविश्वास प्रस्ताव में उन्हें असफलता का मुंह देखना पड़ा था औश्र इस्तीफा देना पड़ा था।

तीन महीने के अंतराल में फ्रांस को दूसरा प्रधानमंत्री मिलने जा रहा है, यह स्थिति उस देश के राजनीतिक हालात के बारे में काफी कुछ साफ कर देती है। वामपंथी गठबंधन अदालत तक में मैक्रों के फैसले का चुनौती देने की बात कर चुका है।

मध्यमार्गी गठबंधन को राष्ट्रपति मैक्रों का भरोसा प्राप्त है, यही वजह है कि उसके प्रमुख सहयोगी 73 साल के बायरू को फ्रांस की राजनीति में दसियों साल का अनुभव होने की वजह से महत्वपूर्ण पद के लिए चुना गया है।

फ्रांस की राजनीति के विश्लेषक भी मानते हैं कि अनुभवी बायरू शायद राजनीतिक उथलपुथल को संभाल सकते हैं। नेशनल असेंबली में उनकी सरकार शायद विश्वास मत जीत लेगी। गत सप्ताह राष्ट्रपति मैक्रों ने साफ जता दिया था कि 2027 में उनके इस कार्यकाल की समाप्ति तक वे पद पर बने रहने वाले हैं। राष्ट्रपति कार्यालय ने भी आधिकारिक बयान जारी कर दिया है कि बायरू को जिम्मेदारी दी गई है कि वे नई सरकार का गठन करें।

लेकिन बायरू को इसके लिए विभिन्न दलों से बात करके मंत्रियों के नाम तय करने की जरूरत होगी। उनके लिए यह काम आसान नहीं होगा। मध्यमार्गी गठबंधन का संसद में बहुमत न होने की वजह से बायरू को बहुत संतुलन बैठाने की जरूरत पड़ेगी। उन्हें अपनी सरकार के लिए मंत्रियों के नाम तय करने के लिए दक्षिणपंथी और वामपंथी, दोनों धड़ों से बात करने की जरूरत पड़ने वाली है।

माना जा रहा है कि रूढ़ीवादी सांसदों के बायरू सरकार में शामिल हो सकते हैं। पिछले दिनों यूरोपीय संसद में पैसे के गबन को लेकर चली जांच के बाद बायरू तमाम आरोपों से बरी भी हो चुके हैं। वैसे बायरू 1993—1997 में फ्रांस के शिक्षा मंत्री के नाते खासे लोकप्रिय हुए थे। 2002, 2007 तथा 2012 में कवे राष्ट्रपति पद की दौड़ में भी शामिल रहे थे।

Topics: Prime ministerफ्रांसFrancemacronराष्ट्रपति मैक्रोंफ्रास्वां बायरूFrancois Bayrou
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Israel Iran War

इजरायल-ईरान युद्ध: कोम में मिसाइल हमले, 722 मरे, ईरान ने माना इजरायली कंट्रोल में उसका एयरस्पेस

सुअर साथ लेकर चलने के वीडियो सोशल मीडिया पर हो रहे वायरल

क्या फ्रांस में लड़कियां साथ लेकर चल रहीं “सुअर”, आखिर कारण क्या है?

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों को सौंपी गई रिपोर्ट में स्कूलों और स्थानीय सार्वजनिक निकायों में 'मुस्लिम ब्रदरहुड' द्वारा मजहबी तत्वों को घुसाने की चाल का सबूत मिलने का दावा किया गया

France में इस्लामवादियों का उपद्रव, खुफिया रिपोर्ट ने इस्लामी तत्वों की सरकार में घुसपैठ की दी थी चेतावनी

चीन की महत्वाकांक्षा एक वैश्विक महाशक्ति बनने की है

कम्युनिस्ट ड्रैगन कर रहा दुनिया भर में जासूसी, ताजा रिपोर्ट से खुलासा हुआ China के सबसे बड़े गुप्तचर तंत्र का

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (दाएं) ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को संभवत: उनका कद याद दिलाया

मैक्रों से अलग से बैठक की यूनुस की मंशा पर फिरा पानी, France के राष्ट्रपति ने नहीं दिया मिलने का वक्त

Operation sindoor

‘I Love India’ राफेल पर फ्रांस की गूंज से थर्राया पाकिस्तान! ऑपरेशन सिंदूर को मिला अंतरराष्ट्रीय समर्थन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies