उत्तर प्रदेश के संभल में कथित जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों के द्वारा की गई हिंसा के आरोपियों की सपा नेताओं से मुलाकात कराने के मामले में मुरादाबाद जेल के जेल अधीक्षक पीपी सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला
मामला कुछ यूं है कि 24 नवंबर को संभल में जामा मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए आरोपियों से मिलने के लिए सपा के नेता पहुंचे थे। मुरादाबाद जिला जेल के जेलरों ने नेता नगरी की आवभगत करने के चक्कर में सपा नेताओं की आरोपियों से मुलाकात करवाई। इस मुलाकात की खबर सामने आते ही हड़कंप मच गया। जेल प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठे कि आखिर किस प्रकार से नियमों को धता बताकर जेल प्रशासन ने ये कदम उठाया।
इस मामले को गंभीरता से लेते हुए योगी सरकार ने रेंज के डीआईजी कुंतल किशोर की अध्यक्षता में एक कमिटी बनाकर उन्हें मामले की तह तक जाने का आदेश दिया। इसके बाद डीआईजी की जांच में जेलर और डिप्टी जेलर के अलावा जेल अधीक्षक पीपी सिंह दोषी पाए गए थे। इसके बाद प्रदेश के कारागार मंत्री दारा सिंह चौहान ने बताया कि लापरवाही बरतने के मामले में जेल अधीक्षक को निलंबित करने के बाद उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने के आदेश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि दो दिसंबर को सपा नेता एसटी हसन, विधायक नबावजान व चौधरी समरपाल सिंह अन्य लोगों ने आरोपियों से मुलाकात की थी। गौरतलब है कि 24 नवंबर को संभल में मस्जिद सर्वे के दौरान हुई हिंसा के मामले में अब तक 93 आरोपितों पर इनाम घोषित किया गया था। पुलिस 400 पत्थरबाजों के फोटो भी जारी कर चुकी है।
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