संवेदनशील स्थानों पर ही क्यों बनती हैं अवैध मजारें, कैंट एरिया, रेलवे स्टेशन, अस्पताल में मजार, बड़ी साजिश का संकेत
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम भारत उत्तराखंड

संवेदनशील स्थानों पर ही क्यों बनती हैं अवैध मजारें, कैंट एरिया, रेलवे स्टेशन, अस्पताल में मजार, बड़ी साजिश का संकेत

समूचा उत्तराखंड फ्रेंचाइजी मजारों की चपेट में आता जा रहा है।

by दिनेश मानसेरा
Dec 14, 2024, 11:19 am IST
in उत्तराखंड
Uttarakhand Illegal majars
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने अवैध मजारों को हटाने की कार्रवाई एक अभियान के रूप में ली थी, अभी भी अर्बन एरिया, ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कई अवैध मजारें मौजूद है। गौर करने की बात ये है कि ये अवैध मजारें संवेदनशील स्थानों पर बनाई गई और सरकारी तंत्र आंख मूंद कर बैठा रहा।

कोटद्वार, देहरादून के कैंट एरिया में अवैध मजारें बनी हुई है, विकास नगर यमुनोत्री हाईवे पर मजार बनी हुई है। जबकि आसान बैराज के पास की मजार को हटाया गया है। कालसी वन विभाग क्षेत्र में उत्तराखंड हिमाचल सीमा पर भूरे शाह की फ्रेंचाइजी मजार बनाई गई है।

इसे भी पढ़ें: उत्तराखंड: शानदार कदम ताल के साथ संपन्न हुई पासिंग आउट परेड, आईएमए में मित्र राष्ट्र नेपाल के सेनाध्यक्ष ने ली सलामी

देहरादून के दून हॉस्पिटल में अवैध मजार बनाई गई। हाल ही में दून कैंट एरिया के द्वार पर दून स्कूल के भीतर मजार बनाई जा रही थी जिसे हटा दिया गया। दून के एफ आर आई रेंजर्स कैंपस में अवैध मजार बनी हुई है। आईएसबीटी देहरादून के पास मजार देखी जा सकती है जो कि हाल ही में बनी है। ऐसी ही एक मजार रेलवे स्टेशन के करीब भी बनी हुई है। एमडीडीए शॉपिंग कांप्लेक्स के भीतर मजार बना कर उसे पक्का कर दिया गया। राजधानी देहरादून में 53 फ्रेंचाइजी अवैध मजारें हैं, एक ही नाम की पांच छ मजारें मिल जाएंगी। हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज के भीतर मजार, हल्द्वानी रेलवे स्टेशन के करीब और काठगोदाम पुल और रेलवे स्टेशन के पास सरकारी जमीन पर कब्जा कर मजार कैसे बनी? टेढ़ी पुलिया के सामने मार्ग में आर्मी कैंट के पास मजार, राजपुरा में एफसीआई गोदाम में मजार, आखिर इनको किसने बनने दिया ?

कोटद्वार में आर्मी कैंट एरिया में मजार किसने बनवाई? जबकि आर्मी में मुस्लिम की भर्ती लगभग नहीं होने से यहां इबादत की कोई परम्परा नहीं है। सनातन नगरी हरिद्वार में जिला अदालत के पास, बी एच ई एल कॉलोनी में अवैध मजार किसने बनवाई ? हरिद्वार में ॐ घाट के पास फ्लाई ओवर में हरि चादर लिपटा हुआ बक्सा रख दिया है फ्लाई ओवर के नीचे मजार बना दी गई? किसी ने उसे रोका तक नहीं। हाल ही में संघ कार्यालय के पास से मजार को सड़क से हटाया गया। सनातन नगरी हरिद्वार के कुंभ क्षेत्र में गैर हिंदुओ के धर्मस्थलों के निर्माण पर रोक है ऐसे में मजारों का बनना संदेह पैदा करता है।बताता गया है एक योजना के तक मुस्लिम समुदाय द्वारा इन मजारों में धीरे धीरे नमाज भी पढ़ी जाने लगी है यानि ये मस्जिद का रूप लेने लगी है।
उधम सिंह नगर जिले में भी यही हालात बनते जा रहे हैं, मुख्य राष्ट्रीय मार्गो से अवैध मजारें हटाने के बावजूद अभी भी खादिमों के षड्यंत्र रचे जा रहे हैं और मजारें खड़ी हो रही हैं। जसपुर काशीपुर मार्ग में नई मजार बना दी गई है और प्रशासन खामोश दिखाई दे रहा है। वन विभाग की संरक्षित भूमि पर कालू सैय्यद की फ्रेंचाइजी मजार ने कई एकड़ भूमि कब्जाई हुई है।

इसे भी पढ़ें: लव जिहाद: अमन बनकर मुस्लिम युवक ने पिथौरागढ़ की हिंदू युवती को फंसाया, शादी की, आधार कार्ड से खुला राज 

पिछले दिनों भारी विरोध के बावजूद देहरादून कालसी के आर्मी एरिया के पास कब्रस्तान बना दिया है। जबकि इस पर आर्मी प्रशासन ने भी सुरक्षा की दृष्टि से एतराज किया है। पिथौरागढ़ के सीमावर्ती कस्बे धारचूला कभी इनर लाइन क्षेत्र में बाहरी व्यक्तियों को प्रवेश केवल अनुमति से मिलता था स्थानीय जनजाति समुदाय यहां अपनी संस्कृति को संरक्षण देता था अब यहां आलीशान मस्जिद कैसे बन गई? ये बड़ा सवाल है। गौर करने की बात ये है कि एकाएक अवैध मजारें बनाने का सिलसिला केवल संवेदनशील स्थानों पर ही क्यों हुआ होगा? क्या इसके पीछे कोई षडयंत्र तो नहीं? खास बात ये है कि ये अवैध मजारें भारत और उत्तराखंड सरकार की जमीनों पर कब्जा करने की नीयत से बनाई गई है, जिसका उल्लेख सीएम पुष्कर सिंह धामी भी करते रहे हैं और वे उन्हें हटाने की बात भी करते हैं। देखना अब ये है कि वे अपने संकल्प को कब तक पूरा करते हैं।

 

Topics: उत्तराखंडUttarakhandमजारअवैध मजारillegal shrineshrine
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

प्रतीकात्मक तस्वीर

12 साल बाद आ रही है हिमालय सनातन की नंदा देवी राजजात यात्रा

ECI issues notice 6 political parties of UK

उत्तराखण्ड के 6 राजनैतिक दलों को चुनाव आयोग का नोटिस, जानिए कारण

Pushkar Singh Dhami Demography

विकसित भारत @2047 : CM धामी ने पूर्व सैनिकों संग डेमोग्राफी चेंज और धर्मान्तरण पर की चर्चा

CM Dham green signal to the first batch of Kailas mansarovar pulgrims

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के पहले दल को टनकपुर से किया रवाना

Uttarakhand Bipin chandra rawat

देहरादून: सैन्य धाम के निर्माण कार्य का अंतिम चरण, मंत्री गणेश जोशी ने की प्रगति समीक्षा

5 Illegal tomb budozed in kashipur

उत्तराखंड में अब तक 537 अवैध मजारों पर चला धामी सरकार का बुल्डोजर

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies