खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से लगातार भारत और कनाडा के रिश्ते बिगड़ रहे हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रुडो भारत के खिलाफ कूटनीतिक जंग हारने के बाद अब भारतीयों को परेशान करने के लिए नए-नए हथकंडे अपना रहे हैं। इसी क्रम में अब वहां पढ़ रहे भारतीय छात्रों को ईमेल भेजकर सरकार उनसे स्टडी परमिट, वीजा, अटेंडेंस रिकॉर्ड और उनके मार्क्स तक मांग रही है।
कनाडा के इमिग्रेशन रिफ्यूजी, एंड सिटिजनशिप कनाडा (IRCC) विभाग की ओर से छात्रों को ये ईमेल भेजे जा रहे हैं। कुछ छात्रों का वीजा परमिट केवल दो साल का ही है, ऐसे में ये छात्र बेहद डरे हुए हैं कि कहीं सरकार उन्हें देश से बाहर न निकाल दे। पिछले सप्ताह आईआरसीसी की तरफ से भेजे गए ईमेल में छात्रों से ऑफिस में आकर खुद का वेरिफिकेशन कराने को कहा गया है। एक छात्र ने बताया कि सरकार ने हमसे हमसे सारे दस्तावेज मांगे हैं। इसमें अटेंडेंस, मार्क्स औऱ पार्ट टाइम काम का रिकॉर्ड भी मांगा गया है।
गौरतलब है कि कनाडा में खालिस्तानी चरमपंथ के बीच हाल ही में तीन भारतीय छात्रों की हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद से दोनों देशों के बीच का तनाव और अधिक बढ़ गया था। भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसे छात्रों के लिए भयानक त्रासदी करार दिया था। कनाडा में भारत का उच्चायोग इस मामले की छानबीन कर रहा है।
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उल्लेखनीय है कि जस्टिन ट्रुडो की सरकार को 40 खालिस्तानी समर्थक सांसदों का समर्थन प्राप्त है। ऐसे में वह खालिस्तानी चरमपंथ के खिलाफ कोई एक्शन लेने के बजाय उन्हीं के हित में काम कर रहे हैं। हालात तो ऐसे हैं कि भारतीय छात्रों को तो छोड़ो खुद कनाडा की सामान्य जनता भी मजबूर सी हो गई है।
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