गुजरात

राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 : गुजरात के पंचमहाल जिले की वावकुल्ली-2 बनी देश की सर्वश्रेष्ठ “सुशासन पंचायत”

पिछले कुछ वर्षों से गुजरात सरकार ग्राम पंचायतों में प्रशासनिक प्रक्रियाओं में ई-गवर्नेंस अनुपालन बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन को सुगम बनाने जैसे कार्यों को प्राथमिकता दे रही है।

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सोनल अनडकट

कर्णावती । पंचमहल जिले की वावकुल्ली-2 ग्राम पंचायत ने दीन दयाल उपाध्याय पंचायत सतत विकास पुरस्कार (डीडीयूपीएसवीपी) थीम के तहत “सुशासन पंचायत” श्रेणी में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। नई दिल्ली में आयोजित एक कार्यक्रम में डाॅ. गौरव दहिया, अतिरिक्त विकास आयुक्त (गुजरात सरकार) को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

गुजरात के पंचमहल जिले की वावकुल्ली-2 ग्राम पंचायत को मिला यह पुरस्कार वर्ष 2022-23 में नागरिक केंद्रित सुविधाओं के क्षेत्र में किए गए उत्कृष्ट कार्य के लिए दिया गया है। पिछले कुछ वर्षों से गुजरात सरकार ग्राम पंचायतों में प्रशासनिक प्रक्रियाओं में ई-गवर्नेंस अनुपालन बढ़ाने तथा ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन को सुगम बनाने जैसे कार्यों को प्राथमिकता दे रही है। इसके लिए राज्य सरकार विशेष रूप से ग्राम पंचायतों में नागरिक केंद्रित सेवाओं पर अधिक ध्यान दे रही है, जिसके परिणामस्वरूप पंचमहल जिले की वावकुल्ली 2 ग्राम पंचायत आज देश की सबसे “सुशासित ग्राम पंचायत” बन गई है।

नौ थीम के आधार पर किया गया चयन

पंचायतों को 9 विषय क्षेत्रों में उनके प्रदर्शन के आधार पर रैंकिंग दी गई और सम्मानित किया गया। इसमें गरीबी मुक्त और आजीविका-संवर्धित पंचायतें, स्वस्थ पंचायतें, बाल-अनुकूल पंचायतें, जल-पर्याप्त पंचायतें, स्वच्छ और हरित पंचायतें, आत्मनिर्भर अवसंरचना पंचायतें, सामाजिक रूप से न्यायसंगत और सामाजिक रूप से सुरक्षित पंचायतें, सुशासित पंचायतें और महिला-अनुकूल पंचायतें शामिल हैं। पंचायतें, इसमें 9 विषय शामिल हैं।

स्पर्धा में 1.94 लाख ग्राम पंचायत में भाग लिया

राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार प्रतियोगिता बहुस्तरीय संरचना में आयोजित की जाती है, जिसमें पंचायतों का मूल्यांकन ब्लॉक, जिला, राज्य/संघ राज्य क्षेत्र और राष्ट्रीय स्तर पर किया जाता है। इस पहल का मुख्य उद्देश्य जमीनी स्तर पर सतत विकास को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय पंचायत पुरस्कार 2024 के लिए प्रतियोगिता में 1.94 लाख ग्राम पंचायतों ने भाग लिया, जिनमें से 45 पंचायतें विजयी रहीं, जिनमें से 42% पंचायतों का नेतृत्व महिलाएं कर रही हैं।

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