श्री जगदीप धनखड़, सभापति, राज्यसभा
नई दिल्ली (हि.स.)। राज्यसभा के सभापति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के खिलाफ बने गतिरोध के कारण शुक्रवार को भी सदन में हंगामा हुआ। सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले मीडिया में चल रहे अभियान पर अपनी पीड़ा व्यक्त करते हुए सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “दिन-रात केवल सभापति के खिलाफ अभियान चल रहा है… यह अभियान मेरे खिलाफ नहीं, बल्कि मेरी श्रेणी के खिलाफ़ है।”
जगदीप धनखड़ ने टिप्पणी करते हुए कहा, “मुझे व्यक्तिगत रूप से पीड़ा है कि मुख्य विपक्षी दल ने सभापति के खिलाफ एक तीव्र अभियान चला रखा है। उन्हें मेरे खिलाफ प्रस्ताव लाने का संवैधानिक अधिकार है लेकिन वे संवैधानिक प्रावधानों से विचलित हो रहे हैं… मैंने सार्वजनिक डोमेन में जो कुछ भी चलाया जा रहा है, उसका अध्ययन कर लिया है। हम संविधान का पालन क्यों नहीं कर सकते? आपने एक नोटिस दिया, जिसे हमने प्राप्त किया, आपने अपने प्रेस सम्मेलन में पूछा कि नोटिस का क्या हुआ? यह इंगित करते हुए कि सभापति नोटिस पर बैठे हुए हैं..कानून को पढ़िए, आपका प्रस्ताव आ गया है, 14 दिन के बाद आएगा। आपने एक अभियान शुरू कर दिया है।
किसान पुत्र होने और देश के लिए अपना जीवन समर्पित करने की बात करते हुए सभापति ने कहा, “यह स्वीकार करें कि मैं एक किसान का बेटा हूं, मैं कमज़ोरी नहीं दिखाऊंगा, मैं देश के लिए मर जाऊंगा, मिट जाऊंगा….आप लोग नहीं सोचेंगे, 24 घंटे में केवल एक काम है, किसान का बेटा यहां क्यों बैठा है? मैं अपनी आंखों से देख रहा हूं और पीड़ा महसूस कर रहा हूं…।”
राज्यसभा के सभापति ने बार-बार विपक्ष के नेता से अपील करते हुए कहा कि वे दोपहर में उनके कक्ष में मिलने का समय निकालें। इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए पूरी कोशिश होगी। सदन में जो कार्यवाही हो रही है, वह दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आगे कहा कि सदन चलाना राष्ट्र, देश और समाज के लिए महत्वपूर्ण है।
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