उत्तर प्रदेश के संभल में स्थित कथित जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों द्वारा की गई हिंसा को लेकर कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि ये दंगा समाजवादी पार्टी ने करवाया था। इसमें सपा के बड़े नेताओं का पूरा हाथ था। उन्होंने ने ही लोगों को दंगे के लिए उकसाया था।
आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ये बात ऑर्गनाइजर से बात करते हुए कही। उन्होंने कहा कि घटना में समाजवादी पार्टी के नेता शामिल थे। उन्होंने ने ही लोगों को उकसाया और पत्थर फिकवाए। करीब 8-10 हजार लोग इस दंगे में शामिल थे। सवाल ये है कि आखिर इतने लोगों को वहां किसने इकट्ठा किया। इस दंगे की कड़ी समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव तक जाएगी। संभल के दंगे में अखिलेश यादव के शामिल होने का दावा करते हुए आचार्य प्रमोद कृष्णम ने ये भी कहा कि अगर अखिलेश इसमें शामिल नहीं होते तो अपने सांसद और विधायकों को वो नोटिस देते।
इसके साथ ही आचार्य प्रमोद कृष्णम जामा मस्जिद के सर्वे को लेकर कहते हैं कि ये मामला सरकार का नहीं है, बल्कि ये मामला एक व्यक्ति का है, जो अदालत में जाता है और वहां पर अपना संदेह व्यक्त करता है और फिर उसके सर्वे की मांग करता है। ऐसे में सर्वे कार्य को सुचारू रूप से संपन्न करवाना पुलिस प्रशासन का काम है। संभल को जलाने की साजिशों में सियासी लोगों का हाथ है। जो लोग रोज संविधान को हाथ में लिए घूमते हैं उन्हीं लोगों ने संभल को जलाया।
इसके सात ही उन्होंने ये भी आरोप लगाया कि संभल में जब हमने कल्कि धाम बनाने की कोशिश की थी तो उस दौरान संभल के सांसद रहे सफीकुर्रहमान बर्क ने धमकी दी थी कि अगर विशाल कल्कि धाम बना तो हम यहां दंगे करा देंगे।
24 नवंबर को हुई थी हिंसा
19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन संभल स्थित चंदौसी की अदालत में संभल की शाही जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने को लेकर कैला देवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरि, हरिशंकर जैन समेत आठ वादकारियों ने छह लोगों के विरुद्ध दावा दायर किया था।
इसके बाद कोर्ट ने कोर्ट कमिश्नर रमेश सिंह राघव को नियुक्त करके सर्वे (कमीशन) किए जाने के आदेश दिया था। बाद में 24 अगस्त को सर्वे के दौरान मुस्लिम कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाया था। 4 लोगों की मौत भी हो गई थी। हालांकि, पुलिस प्रशासन की सख्ती के आगे प्रदर्शनकारियों की एक नहीं चली। सर्वे पूरा कर लिया गया था। विष्णु शंकर जैन ने संभल की कथित मस्जिद को हरिहर मंदिर बताते हुए कहा कि 1526 में मुगल आक्रान्ता बाबर ने मंदिर को तोड़कर उसके स्थान पर मस्जिद को बनाने की कोशिश की थी। ये भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित है, जिस पर किसी का कोई अतिक्रमण नहीं हो सकता है।
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