छत्तीसगढ़: मधेश्वर पहाड़ को मिली विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक शिवलिंग का दर्जा
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छत्तीसगढ़: मधेश्वर पहाड़ को मिली विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक शिवलिंग का दर्जा

छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ी को एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त हुई है। इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दुनिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक शिवलिंग प्रतिकृति के रूप में मान्यता दी गई है।

by Mahak Singh
Dec 12, 2024, 03:57 pm IST
in छत्तीसगढ़
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छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ी को एक ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त हुई है। इसे गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दुनिया की सबसे बड़ी प्राकृतिक शिवलिंग प्रतिकृति के रूप में मान्यता दी गई है। इस रिकॉर्ड को “लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग” के रूप में दर्ज किया गया है, जिससे छत्तीसगढ़ के पर्यटन उद्योग को एक नई पहचान मिली है।

मुख्यमंत्री ने दी बधाई

इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर राज्य के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रदेशवासियों को बधाई दी और इसे छत्तीसगढ़ के पर्यटन क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय में गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के प्रतिनिधि हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की और उन्हें इस रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र सौंपा। इस मौके पर उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, वन मंत्री केदार कश्यप, उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल और महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े भी मौजूद थे।

मधेश्वर पहाड़ का नाम ‘गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड’ में दर्ज
विश्व की सबसे बड़ी प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में मिली मान्यता
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई दी। इससे पर्यटन के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ को नई पहचान मिली है। मधेश्वर पहाड़… pic.twitter.com/sNcTLvWTJ2

— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) December 11, 2024

मधेश्वर पहाड़ी की यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ के पर्यटन क्षेत्र के लिए एक और बड़ा कदम साबित हो रही है। हाल ही में जशपुर जिले को प्रमुख पर्यटन वेबसाइट EaseMyTrip में स्थान मिला है, जिससे जिले के प्राकृतिक स्थलों के बारे में पर्यटकों को और अधिक जानकारी प्राप्त हो सकेगी। जशपुर छत्तीसगढ़ का पहला जिला है जिसे इस वेबसाइट पर शामिल किया गया है, जिससे यहां के पर्यटन स्थलों का प्रचार-प्रसार और भी बेहतर होगा।

मधेश्वर पहाड़ी का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व

मधेश्वर पहाड़ी जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक के मयाली गांव से करीब 35 किमी दूर स्थित है। यह पहाड़ी अपनी अद्भुत प्राकृतिक संरचना और शिवलिंग के आकार के लिए प्रसिद्ध है। स्थानीय लोग इसे भगवान शिव का स्वरूप मानते हैं और इसे विश्व के सबसे बड़े प्राकृतिक शिवलिंग के रूप में पूजते हैं। यह स्थल न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण भी है।

मधेश्वर पहाड़ी अब पर्यटकों के बीच साहसिक खेलों और पर्वतारोहण के लिए भी लोकप्रिय हो रहा है। यहां हर साल बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं और प्रकृति के बीच अपनी यात्रा का आनंद लेते हैं। जशपुर जिले में साहसिक खेलों और पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं हैं, जो न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा बल्कि छत्तीसगढ़ को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में स्थापित करेगा।

Topics: छत्तीसगढ़ को मिली नई पहचानChhattisgarh tourismchhattisgarh newsChhattisgarh governmentChhattisgarh Chief Ministerमुख्यमंत्री विष्णुदेव सायChhattisgarh Tourism Gets A New Identityमधेश्वर पहाड़
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