सर्दियों के मौसम में शरीर को गर्म और रोगमुक्त रखने के लिए पहाड़ी लहसुन (हिमालयन गार्लिक) एक बेहतरीन सुपरफूड है। इसे सफेद लहसुन से ज्यादा गुणकारी माना जाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और रोग प्रतिरोधक गुण प्रचुर मात्रा में होते हैं। इसकी उपयोगिता न केवल पारंपरिक चिकित्सा में है बल्कि आधुनिक विज्ञान भी इसके फायदे मानता है।
पहाड़ी लहसुन के फायदे
इम्यूनिटी बढ़ाएं
पहाड़ी लहसुन में सल्फर और एलिसिन जैसे तत्व होते हैं, जो शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। यह सर्दी, खांसी और फ्लू जैसे सामान्य संक्रमणों से बचाव करता है।
दिल के लिए फायदेमंद
यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने और कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मदद करता है। इसके नियमित सेवन से दिल की बीमारियों का खतरा कम होता है।
जोड़ों के दर्द में राहत
सर्दियों में होने वाले जोड़ों के दर्द और सूजन के लिए पहाड़ी लहसुन फायदेमंद है। इसमें मौजूद एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण दर्द को कम करने में मदद करते हैं।
पाचन को सुधारता है
पहाड़ी लहसुन पाचन क्रिया को बेहतर बनाता है और पेट से जुड़ी समस्याओं जैसे गैस, अपच और कब्ज में राहत देता है।
डिटॉक्सिफिकेशन में मददगार
यह शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने का काम करता है और लिवर को स्वस्थ रखता है।
सेवन का सही तरीका
- सुबह खाली पेट 1-2 कलियां कच्ची चबाएं। यह शरीर को तुरंत गर्मी और ऊर्जा प्रदान करता है।
- पहाड़ी लहसुन की कलियों को गर्म पानी में उबालकर पीने से इसका पोषण बेहतर तरीके से अवशोषित होता है।
- इसे कुचलकर शहद के साथ मिलाकर खाएं। यह इम्यूनिटी को तेज बढ़ाने का बेहतरीन तरीका है।
- इसे छोटे टुकड़ों में काटकर सूप, दाल, या सब्जियों में डालें। इससे न केवल स्वाद बढ़ेगा बल्कि पोषण भी मिलेगा।
(इस लेख में दी गई जानकारी और सुझावों को अमल में लाने से पहले पाठक किसी डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।)
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