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बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं पर अत्याचार के खिलाफ सम्पूर्ण भारत में उबाल, देशभर में सड़कों पर हुआ प्रदर्शन

- दिल्ली स्थित बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के विरोध में भारत के विभिन्न राज्यों में आक्रोश प्रदर्शन। बांग्लादेश उच्चायोग के सामने निकाला मार्च, साधु-संत भी हुए शामिल। हिन्दुत्त्वनिष्ठ संगठनों ने अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की।

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नई दिल्ली । बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचारों और मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ पूरे भारत में व्यापक प्रदर्शन किए गए। इन प्रदर्शनों ने न केवल भारत के विभिन्न राज्यों, बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान भी खींचा है। दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, पश्चिम बंगाल और असम समेत देशभर में आक्रोश रैलियां निकाली गईं। प्रदर्शन का आयोजन बांग्लादेश हिंदू रक्षा संघर्ष समिति के तत्वावधान में किया गया, जिसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद, बजरंग दल, भारतीय जनता पार्टी, अधिवक्ता परिषद, अखिल भारतीय संत समिति और कई अन्य संगठनों ने भाग लिया।

दिल्ली में प्रदर्शन और ज्ञापन

दिल्ली में बांग्लादेश उच्चायोग के निकट तीन मूर्ति चौक पर दो सौ से अधिक सामाजिक और सांस्कृतिक संगठनों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन में साधु-संतों के साथ-साथ पूर्व सैन्य, न्यायिक और पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया। प्रदर्शनकारियों ने ‘हिंदुओं का नरसंहार बंद करो’ और ‘नहीं सहेंगे अब अत्याचार, बांग्लादेश कर ले विचार’ जैसे नारे लगाए। दिल्ली सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने बांग्लादेश उच्चायुक्त को ज्ञापन सौंपा, जिसमें भारत और बांग्लादेश के सौहार्दपूर्ण संबंधों की याद दिलाते हुए अल्पसंख्यकों की रक्षा की मांग की गई।

सभा को संबोधित करते हुए साध्वी ऋतंभरा ने कहा कि बांग्लादेश में साधु-संतों और महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों की घटनाएं मानवता पर कलंक हैं। बौद्ध संत भंते राहुल ने भी बांग्लादेश में बौद्ध समाज के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया। इस मौके पर भारत की पूर्व उच्चायुक्त वीना सीकरी ने बांग्लादेश सरकार से जिम्मेदारी निभाने की अपील की।

लखनऊ में आक्रोश रैली

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बांग्लादेश हिंदू रक्षा संघर्ष समिति के बैनर तले छत्रपति शिवाजी मैदान से हजरतगंज तक विशाल रैली निकाली गई। रैली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख रामलाल ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बंद नहीं हुए तो इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। रैली के अंत में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा गया।

उत्तराखंड में प्रदर्शन

देहरादून में भी सामाजिक और धार्मिक संगठनों ने सड़कों पर उतरकर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की कड़ी निंदा की। कैबिनेट मंत्री डॉ. प्रेमचंद अग्रवाल ने प्रदर्शन के दौरान कहा कि यह रैली मानवाधिकारों की रक्षा का वैश्विक संदेश है। ऋषिकेश और हरिद्वार में भी प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति को ज्ञापन सौंपा और बांग्लादेश सरकार के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।

राजस्थान में विरोध प्रदर्शन

जयपुर में प्रबुद्ध नागरिकों के एक समूह ने राज्यपाल को संयुक्त राष्ट्र महासचिव और भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रही हिंसा को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की मांग की गई। वहीं, उदयपुर में सर्व हिंदू समाज के नेतृत्व में विशाल रैली निकाली गई, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल हुईं।

पश्चिम बंगाल और असम में प्रतिक्रिया

पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग में ग्रेटर सिलीगुड़ी होटेलियर वेलफेयर एसोसिएशन ने बांग्लादेशी नागरिकों को अपने होटलों में ठहरने से रोकने का फैसला किया। वहीं, असम के गुवाहाटी में लोक जागरण मंच के बैनर तले बांग्लादेश के सहायक उच्चायोग कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया गया। ज्ञापन में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की गई।

हरियाणा और हिमाचल प्रदेश में प्रदर्शन

हरियाणा के फतेहाबाद और फरीदाबाद में प्रदर्शनकारियों ने लघु सचिवालय और जिला उपायुक्त कार्यालय में ज्ञापन सौंपे। धर्मशाला में जिला कांगड़ा मुख्यालय से लेकर उपायुक्त कार्यालय तक रैली निकाली गई। प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार को चेतावनी दी कि यदि अत्याचार नहीं रुके, तो विरोध प्रदर्शन और तेज होंगे।

बिहार में मानव शृंखला

भागलपुर में सैनिक स्कूल और सरस्वती विद्या मंदिर के छात्रों ने मानव शृंखला बनाकर बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों का विरोध किया।

आक्रोश का अंतरराष्ट्रीय संदेश

प्रदर्शनकारियों ने अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं जैसे संयुक्त राष्ट्र और एमनेस्टी इंटरनेशनल से मांग की कि वे बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करें। इन प्रदर्शनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि भारत के नागरिक बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ शांत नहीं बैठेंगे।

दार्जिलिंग के होटलों में बांग्लादेशियों पर प्रतिबंध

दार्जिलिंग में होटलों ने बांग्लादेश के नागरिकों को ठहरने पर प्रतिबंध लगा दिया है। यह फैसला वर्तमान संवेदनशील हालात को देखते हुए लिया गया है।

बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों ने पूरे भारत को आंदोलित कर दिया है। भारत सरकार और अंतरराष्ट्रीय समुदाय से इस गंभीर मुद्दे पर हस्तक्षेप की मांग की जा रही है। इन विरोध प्रदर्शनों ने यह संदेश दिया है कि मानवाधिकारों के हनन को सहन नहीं किया जाएगा और अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाए जाएंगे।

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