चार बार के विधायक बने जर्मनी के नागरिक, हाईकोर्ट ने लगाया लाखों का जुर्माना
May 20, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

चार बार के विधायक बने जर्मनी के नागरिक, हाईकोर्ट ने लगाया लाखों का जुर्माना

तेलंगाना हाई कोर्ट का हालिया निर्णय इस बात का गवाह है, जहां अदालत ने एक ऐसे नेता को दोषी ठहराया, जो भारत के नागरिक होने का दावा करता रहा लेकिन वह वास्तव में जर्मनी का नागरिक था।

by Mahak Singh
Dec 10, 2024, 02:26 pm IST
in विश्व
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

भारत में राजनीति की दुनिया कभी-कभी ऐसे विवादों से गूंज उठती है, जिनकी कल्पना करना भी मुश्किल होता है। तेलंगाना हाई कोर्ट का हालिया निर्णय इस बात का गवाह है, जहां अदालत ने एक ऐसे नेता को दोषी ठहराया, जो भारत के नागरिक होने का दावा करता रहा लेकिन वह वास्तव में जर्मनी का नागरिक था। यह मामला अब देशभर में चर्चा का विषय बन गया है।

तेलंगाना हाई कोर्ट ने हाल ही में यह फैसला सुनाया कि भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के नेता चेन्नामनेनी रमेश जर्मन नागरिक हैं और उन्होंने वेमुलावाड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था। कोर्ट के अनुसार, रमेश ने जाली दस्तावेजों के जरिए खुद को भारतीय नागरिक साबित किया और विधानसभा चुनावों में भाग लिया।

आरोप और सजा

यह मामला कांग्रेस नेता आदी श्रीनिवास द्वारा दायर की गई याचिका से सामने आया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया कि रमेश ने झूठे दस्तावेजों के आधार पर चुनाव लड़ा और विधानसभा चुनाव में सफलता पाई। तेलंगाना हाई कोर्ट ने इस मामले में गंभीर टिप्पणी करते हुए रमेश पर 30 लाख रुपये का जुर्माना लगाया। इसमें से 25 लाख रुपये आदी श्रीनिवास को दिए जाएंगे। श्रीनिवास ने नवंबर 2023 में रमेश को विधानसभा चुनाव में हराया था।

अदालत ने यह भी कहा कि रमेश जर्मन दूतावास से ऐसे दस्तावेज पेश करने में नाकाम रहे, जो यह साबित कर सकें कि वे अब जर्मनी के नागरिक नहीं हैं। अदालत का यह आदेश एक बड़ी सजा के रूप में देखा जा रहा है, क्योंकि रमेश जैसे नेता ने भारतीय राजनीति में यह गहरी छाप छोड़ी थी, लेकिन उनके नागरिकता संबंधी विवाद ने पूरे मामले को एक नया मोड़ दे दिया है।

चेन्नामनेनी रमेश का राजनीतिक सफर काफी दिलचस्प और विवादास्पद रहा है। वह वेमुलावाड़ा विधानसभा सीट से चार बार विधायक चुने गए। 2009 में उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के टिकट पर चुनाव जीता था, जबकि 2010 से 2018 तक उन्होंने बीआरएस के टिकट पर तीन बार जीत दर्ज की थी। उनके राजनीतिक करियर ने उन्हें राज्य की राजनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया, लेकिन अब यह विवाद उनके पूरे करियर पर एक प्रश्नचिह्न लगा देता है।

इस विवाद की शुरुआत तब हुई, जब साल 2020 में केंद्र सरकार ने तेलंगाना हाई कोर्ट को बताया कि रमेश के पास जर्मन पासपोर्ट था, जो 2023 तक वैध था। इसके बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आदेश जारी किया कि रमेश की भारतीय नागरिकता को समाप्त कर दिया जाए, क्योंकि उन्होंने आवेदन के दौरान महत्वपूर्ण जानकारी छुपाई थी। गृह मंत्रालय का कहना था कि अगर रमेश ने यह बताया होता कि वह एक साल तक भारत में नहीं रहे थे, तो उन्हें भारतीय नागरिकता नहीं मिलती।

इस मामले में रमेश ने गृह मंत्रालय के आदेश को अदालत में चुनौती दी थी। अदालत ने उन्हें यह निर्देश दिया कि वे यह स्पष्ट करें कि उन्होंने अपना जर्मनी का पासपोर्ट सरेंडर किया है और यह भी साबित करें कि उन्होंने जर्मनी की नागरिकता छोड़ दी है। इसके बाद ही अदालत ने इस मामले में फैसला सुनाया।

Topics: Chennamaneni Ramesh German passport issueBRS leader Chennamaneni Ramesh citizenship rowचेन्नामनेनी रमेश जर्मन नागरिकताChennamaneni Ramesh German citizenshipBRS leader Chennamaneni Ramesh German citizen caseTelangana High Court Chennamaneni RameshChennamaneni Ramesh citizenship controversy
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

No Content Available

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

अली खान महमूदाबाद

अशोका यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर अली खान महमूदाबाद को भेजा गया जेल

भारतीय ज्ञान परंपरा में मास और ऋतुचक्र : हमारी संस्कृति, हमारी पहचान

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों (दाएं) ने बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस को संभवत: उनका कद याद दिलाया

मैक्रों से अलग से बैठक की यूनुस की मंशा पर फिरा पानी, France के राष्ट्रपति ने नहीं दिया मिलने का वक्त

नई दिल्ली : SSB ने 27 उग्रवादी किए ढेर, 184 घुसपैठिए भी गिरफ्तार

क्या ट्रांस-टोडलर्स हो सकते हैं? कितना घातक है यह शब्द?

1-2 बार नहीं 100 बार पकड़ा गया पाकिस्तान : BSF ने 3 घुसपैठिए किए ढेर, घातक हथियार बरामद

भारतीय नौसेना के समुद्री बेड़े में शामिल किये जाएंगे ‘प्राचीन सिले हुए जहाज’

गढ़चिरौली : 36 लाख रुपये की इनामी 5 नक्सली महिलाएं गिरफ्तार, घातक हथियार बरामद

Dr. Jayant Narlikar का निधन, पीएम मोदी और राष्ट्रपति ने जताया दुःख

पंजाब : खालिस्तानी आतंकी मॉड्यूल पर कसा शिकंजा, आधा दर्जन आरोपियों से हथियार भी बरामद

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies