महाकुंभ के दौरान आने वाले श्रद्धालुओं के नेत्रों (आंखों) के स्वास्थ्य को लेकर भी यहां नेत्र कुम्भ की स्थापना की जा रही है। 9 एकड़ में बन रहे इस नेत्र कुम्भ में पहली बार एक साथ 5 लाख से ज्यादा लोगों की आंखों की जांच और 3 लाख चश्मों के वितरण का दावा किया जा रहा है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां जांच कराने वाले ऐसे नेत्र रोगियों को जिन्हें ऑपरेशन की आवश्यकता होगी, उन्हें उनके घर के नजदीक स्थित नेत्र अस्पताल में निशुल्क ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
इसके लिए नेत्र कुंभ की ओर से देश भर के 150 से ज्यादा अस्पतालों के साथ करार किया गया है। यानी रोगी अपनी आंखों की जांच महाकुंभ में आकर कराएंगे और ऑपरेशन अपने घर जाकर।
नेत्र कुंभ की आयोजन कमेटी के अध्यक्ष कवींद्र प्रताप सिंह ने बताया कि इस महाकुंभ में पहली बार ये व्यवस्था की जा रही है कि डॉक्टर्स जिस मरीज को भी ऑपरेशन के लिए रेफर करेंगे, वह अपने जिले या घर के करीब स्थित अस्पताल में जब चाहे ऑपरेशन करा सकता है। ऐसे मरीजों को डॉक्टर निरीक्षण के बाद एक एक रेफरल कार्ड देंगे, जिसकी एक कॉपी संबंधित अस्पताल को जाएगी और दूसरी कॉपी नेत्र कुंभ की आयोजक संस्था ‘सक्षम’ के कार्यकर्ता को जाएगी।
इसके बाद सक्षम कार्यकर्ता या मरीज कोऑर्डिनेट करके अपने रहने के स्थान पर सुविधानुसार निःशुल्क ऑपरेशन सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। उन्होंने बताया कि मरीजों के ऑपरेशन के लिए देश भर के 150 छोटे-बड़े अस्पतालों को इम्पैनल किया गया है। संबंधित मरीज मेले के दौरान या मेले के बाद भी इस सुविधा का लाभ उठा सकेंगे। अनुमान है कि नेत्र कुम्भ से 50 हजार लोगों को ऑपरेशन कार्ड प्रदान किए जा सकते हैं।
नेत्र कुंभ का आयोजन पहली बार 2019 में किया गया था। तब से इसका पैमाना दोगुने से भी अधिक हो गया है। 2019 कुंभ के दौरान 1.5 लाख लोगों को चश्मा और 3 लाख लोगों की जांच के साथ लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान बनाया था। इस बार यह नेत्र कुंभ पिछले रिकॉर्ड को भी तोड़ने जा रहा है। संख्या की दृष्टि से यह भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया में भी किसी आयोजन में नेत्र रोगियों की जांच और चश्मा वितरण का सबसे बड़ा रिकॉर्ड होगा।
नेत्र कुंभ का आयोजन सेक्टर-6 में स्थित नागवासुकि मंदिर के सामने मेला क्षेत्र में होने जा रहा है। इसका उद्देश्य जागरूकता के अभाव में बड़ी संख्या में आंखों की रोशनी खोने वालों की मदद करना है। नेत्र कुम्भ 12 जनवरी से मेला क्षेत्र में शुरू होगा, जो 26 फरवरी तक प्रतिदिन (प्रमुख स्नान पर्व को छोड़कर) चलता रहेगा। इसमें नेत्र संबंधित समस्याओं से ग्रसित लोग आ सकते हैं और यहां पूरी व्यवस्था निशुल्क रहेगी। करीब 150 डॉक्टर्स बाहर से आकर यहां पर अपनी सेवाएं देंगे, जबकि करीब 400 डॉक्टर्स यहां 45 दिन तक उपस्थित होंगे।
इनमें प्रतिदिन 40 डॉक्टर्स ओपीडी का हिस्सा बनेंगे। वहीं 500 से ज्यादा ऑप्टोमेट्रिस्ट रहेंगे, जिनमें 100 प्रतिदिन सेवाएं प्रदान करेंगे। कुल मिलाकर प्रतिदिन 200 डॉक्टर्स, ऑप्टोमेट्रिस्ट और अन्य वालंटियर्स नेत्र रोगियों की सेवा में मौजूद रहेंगे। नेत्र ओपीडी सुबह 8 बजे से दोपहर दो बजे तक चलेगी, जिसे बढ़ाकर शाम 4 बजे तक भी किया जा सकता है।
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