दो भारतीयों से सम्मान छीना राजा चार्ल्स ने, नहीं भाया बांग्लादेश के हिंदुओं की पीड़ा बताना और मोदी का समर्थन
July 10, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम विश्व

दो भारतीयों से सम्मान छीना राजा चार्ल्स ने, नहीं भाया बांग्लादेश के हिंदुओं की पीड़ा बताना और मोदी का समर्थन

रामी रेंजर तथा अनिल भनोट ने शायद सोचा भी नहीं होगा कि आधुनिक विचारों का सम्मान करने की बात करने वाले ब्रिटेन के राजा उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार करेंगे

by WEB DESK
Dec 9, 2024, 12:12 pm IST
in विश्व, विश्लेषण
रामी रेंजर तथा अनिल भनोट

रामी रेंजर तथा अनिल भनोट

FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

‘लंदन गजट’ में सम्मान वापस लिए जाने संबंधी सूचना प्रकाशित की गई थी। राजा चार्ल्स के इस फैसले के बाद अब दोनों भारतवंशी सम्मान में प्राप्त प्रतीक चिन्ह राजा के बकिंघम पैलेस को वापस कर देंगे। रामी रेंजर तथा अनिल भनोट बकिंघम पैलेस के इस आदेश से आश्चर्यचकित हैं। उन्होंने इसकी भर्त्सना की है। वे कहते हैं कि यह आदेश एक प्रकार से अभिव्यक्ति की आजादी पर चोट करता है।


ब्रिटेन से आई एक खबर चिंताजनक है। वहां राजा चार्ल्स ने दो भारतवंशियों से राजकीय सम्मान सिर्फ इसलिए वापस ले लिया क्योंकि उनमें से एक न बांग्लादेश में हिन्दुओं के दमन के विरुद्ध आवाज उठाई थी और दूसरे ने भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति समर्थन जताया था।

ये दो भारतवंशी हैं ब्रिटेन के भारतीय कंजर्वेटिव सहयोगी रामी रेंजर जो संसद के निचले सदन में बैठते हैं। तो दूसरे हैं अनिल भनोट, जो हिन्दू काउंसिल यूके के प्रबंध न्यासी हैं और पेशे से एक सनदी लेखाकार। राजा चार्ल्स ने संभवत: अपनी भारत विरोधी मानसिकता दर्शाते हुए उन दोनों को दिए सम्मान वापस ले लिए हैं। पता चला है कि रामी रेंजर से सीबीई तथा अनिल भनोट से ओबीई का सम्मान वापस लिया जाएगा।

ये दोनों ही ब्रिटिश भारतीय समुदाय से आते हैं। इनका ‘दोष’ जैसा पहले बताया, मात्र यही था कि उन्होंने बांग्लादेश के पीड़ित हिंदुओं के बारे में आवाज उठाई थी और भारत के प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा की थी, उनके लिए समर्थन व्यक्त किया था। दोनों ही ब्रिटेन में भारतीय समुदाय के बहुत सम्मानित सदस्य हैं। रामी रेंजर तथा अनिल भनोट ने शायद सोचा भी नहीं होगा कि आधुनिक विचारों का सम्मान करने की बात करने वाले ब्रिटेन के राजा उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार करेंगे।

मीडिया में आए समाचारों के अनुसार, तीन दिन पहले ‘लंदन गजट’ में सम्मान वापस लिए जाने संबंधी सूचना प्रकाशित की गई थी। राजा चार्ल्स के इस फैसले के बाद अब दोनों भारतवंशी सम्मान में प्राप्त प्रतीक चिन्ह राजा के बकिंघम पैलेस को वापस कर देंगे। रामी रेंजर तथा अनिल भनोट बकिंघम पैलेस के इस आदेश से आश्चर्यचकित हैं। उन्होंने इसकी भर्त्सना की है। वे कहते हैं कि यह आदेश एक प्रकार से अभिव्यक्ति की आजादी पर चोट करता है।

राजा चार्ल्स

ब्रिटेन में बसे भारतीय समुदाय के काफी रसूखदार और सम्मानित ये दोनों ही भारतवंशी भारत और विशेषकर हिन्दू समुदाय से जुड़े विषयों पर मुखर रहते हैं। रामी को राजा चार्ल्स ने ही कमांडर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर यानी सीबीई का सम्मान दिया था और भनोट को ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर यानी ओबीई की उपाधि दी थी। इन दोनों के विषय को एक विशेष समिति ने देखा था। उन्होंने इसने बयानों को उपाधियों को ठेस पहुंचाने वाला मानते हुए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर को अपनी अनुशंसा सौंपी थी जिन्होंने इसे आगे राजा चार्ल्स के पास भिजवाया था।

भनोट को यह ओबीई उपाधि समुदाय में आपसी तालेमल बनाने के लिए दिया गया था। सम्मान वापसी के निर्णय से आहत भनोट का कहना है कि उन्होंने इस साल जनवरी में विशेष समिति के बुलावे पर उसके सामने अपनी स्थिति स्पष्ट की थी। उन्हें तब लगा था कि बात सम्मान वापसी तक नहीं पहुंचेगी, मगर ऐसा हुआ नहीं। भनोट ने साल 2021 में बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पी​ड़न की बात की थी जिसे इस्लामोफोबिक बताते हुए शिकायत की गई थी।

यह शिकायत एक वेबसाइट ने उनके ट्वीट को लेकर चार्टर्ड अकाउंटेंट्स परिषद और धर्मादा आयोग के सामने की थी। लेकिन इप दोनों संस्थाओं ने इसे उनकी अभिव्यक्ति की आजादी बताते हुए आरोप मुक्त किया था। लेकिन बाद में किसी ने सरकार की उक्त विशेष समिति के सामने आरोप दर्ज कराया। भनोट नहीं मानते कि उन्होंने अपने ट्वीट में ऐसा कुछ लिखा था जिसे इस्लामोफोबिक कहा जा सकता था।

अनिल भनोट नाराजगी भरे स्वर में कहते हैं कि 2021 में बांग्लादेश में हमारे मंदिरों को तोड़ा गया था, हिंदुओं पर हमले हो रहे थे। लेकिन कोई मीडिया यह सब नहीं बता रहा था। तो बांग्लादेश के हिन्दुओं के ​प्रति आहत होते हुए उन्होंने इस मुद्दे पर कुछ कहने का मन बनाया और ट्वीट किया। उसमें उन्होंने बातचीत और समधान के कदम उठाने की बात की। उनके अनुसार, इसमें कुछ गलत नहीं था। सम्मान को ठेस पहुंचाने जैसी कोई बात नहीं थी। वे सवाल करते हैं कि अब इंग्लैंड में अभिव्यक्ति की आजादी नहीं रही?

इसी प्रकार कंजर्वेटिव पार्टी से जुड़े ब्रिटेन की सन मार्क लिमिटेड कंपनी के संस्थापक लॉर्ड रामी रेंजर भी राजा चार्ल्स के फैसले से हैरान हैं और इसे ‘अन्यायपूर्ण’ बताते हैं। रामी रेंजर यह उपाधि दिसंबर 2015 में महारानी एलिजाबेथ द्वितीय की तरफ से ब्रिटेन के कारोबार तथा एशियाई समुदाय के प्रति उनकी सेवाओं के लिए दी गई थी। विशेष समिति की पड़ताल में पाया गया कि रामी रेंजर ‘धमका’ रहे थे जो संसद की आचार संहिता के दायरे से बाहर की बात थी।

रामी रेंजर को लार्ड की उपाधि प्राप्त है। उनकी ओर से बताया ​गया है कि रामी इस फैसले के विरुद्ध अपील कर सकते हैंं। लॉर्ड रामी रेंजर नहीं मानते कि उन्होंने कोई अपराध किया है अथवा किसी कानून का उल्लंघन किया है। रामी कानून में प्राप्त उपायों के रास्ते अपील दायर कर सकते हैं।

Topics: britainब्रिटेनरामी रेंजरराजा चार्ल्सking charlesbritish indian lord ramibhanottitles return
ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

UK Grooming Gang

ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स: पीड़िताओं की आवाज दबाने के लिए विवादास्पद प्रदर्शन

Britain Grooming gangs

ग्रूमिंग गैंग्स की होगी राष्ट्रीय जांच, आखिर राजी हुए ब्रिटिश पीएम कीर स्टार्मर

ब्रिटेन के राजा चार्ल्स सादिक खान को  "नाइटहुड" की उपाधि देते हुए

जिन्ना के देश के ‘सितारे’ को ब्रिटेन के राजा ने बनाया ‘नाइट’, Mayor Sadiq Khan पर आरोप-लंदन में इस्लामवाद बढ़ाया

चीन की महत्वाकांक्षा एक वैश्विक महाशक्ति बनने की है

कम्युनिस्ट ड्रैगन कर रहा दुनिया भर में जासूसी, ताजा रिपोर्ट से खुलासा हुआ China के सबसे बड़े गुप्तचर तंत्र का

IRGC terrorist organisation

क्या ईरान का इस्लामिक रिवोल्युशनरी गार्ड कॉर्प्स आतंकी संगठन है? क्यों ब्रिटेन में साथ आए 550 सांसद

Harman singh Kapoor beaten by Pakistanis

कौन हैं हरमन सिंह और क्यों किया गया उन्हें गिरफ्तार?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

‘अचानक मौतों पर केंद्र सरकार का अध्ययन’ : The Print ने कोविड के नाम पर परोसा झूठ, PIB ने किया खंडन

UP ने रचा इतिहास : एक दिन में लगाए गए 37 करोड़ पौधे

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वाले 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies