कोरबा । बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के विरोध में देशभर में आक्रोश देखा जा रहा है। इसी क्रम में विश्व सनातन संस्कृति रक्षा मंच, कोरबा के नेतृत्व में सर्व समाज ने भी अपना विरोध जताया। मंगलवार को बांग्लादेश में हो रही हिंसा के खिलाफ निहारिका के सुभाष चौक पर धरना प्रदर्शन आयोजित किया गया। इसके बाद एक आक्रोश रैली निकाली गई, जो कोसाबाड़ी तक गई। प्रदर्शन के बाद जिला प्रशासन को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा गया।
बांग्लादेश में हिंदुओं की हालत पर जताई निंदा
मंच पर उपस्थित मुख्य वक्ता साध्वी गिरिजेश नंदिनी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रहे अमानवीय कृत्यों पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में महिलाओं पर अत्याचार, अल्पसंख्यकों की संपत्तियों की लूट, और सरकारी नौकरियों से जबरन निकाले जाने जैसी घटनाएं अत्यंत निंदनीय हैं। कन्वर्जन कराने और धार्मिक स्थलों को ध्वस्त करने की घटनाएं मानवता के खिलाफ अपराध हैं।
बांग्लादेश सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
साध्वी गिरिजेश नंदिनी ने कहा कि बांग्लादेश सरकार और अन्य एजेंसियां इस बढ़ते अत्याचार को रोकने में असफल रही हैं। उनके अनुसार, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार मूकदर्शक बनी हुई है और समय रहते यदि ठोस कदम नहीं उठाए गए तो हालात और भी भयावह हो सकते हैं। इस स्थिति के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सर्व समाज ने एकजुट होकर प्रदर्शन किया और बांग्लादेश में रह रहे अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के लिए ज्ञापन सौंपा।
धरना प्रदर्शन और रैली
निहारिका के सुभाष चौक पर सर्व समाज ने एकत्रित होकर धरना दिया। प्रदर्शन के बाद आक्रोश रैली कोसाबाड़ी तक निकाली गई। अंत में जिला प्रशासन को महामहिम राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर बांग्लादेश में हो रहे अल्पसंख्यक विरोधी अत्याचारों को रोकने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कार्रवाई की मांग की गई।
कोरबा में आयोजित यह धरना प्रदर्शन सर्व समाज की एकता और मानवता की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बांग्लादेश में हो रहे अमानवीय अत्याचारों के खिलाफ यह विरोध केवल भारत ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी जागरूकता लाने का प्रयास है।
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