चंडीगढ़, (हि.स.)। अमृतसर में दरबार साहिब के बाहर अकाली दल के पूर्व प्रधान सुखबीर बादल पर फायरिंग की घटना के बाद प्रदेश सरकार कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घिर गई है। घटना की चौतरफा निंदा की जा रही है।
भाजपा महासचिव तरुण चुग ने नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत में कहा कि यह घटना पंजाब की बिगड़ी कानून व्यवस्था का आईना है। अगर जेड प्लस सुरक्षा वाले एक पूर्व उप-मुख्यमंत्री पर इस तरह का हमला हो सकता है तो समझा जा सकता है कि पंजाब की आम जनता की सुरक्षा का हाल कैसा होगा? उन्होंने घटना की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार ने पंजाब की कानून व्यवस्था का जनाजा निकाल दिया है। मुख्यमंत्री मान को सामने आकर घटना का स्पष्टीकरण देना होगा।
पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा वडिंग ने कहा कि यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय घटना है। सरकारी तंत्र फेल हुआ है। पुलिस के पास पुख्ता सूचना होने के बावजूद यह घटना हो गई। पंजाब के पूर्व डिप्टी सीएम एवं सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा ने इस घटना को सीबीआई जांच की मांग करते हुए कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री को इस पर जवाब देना होगा। पंजाब में कानून-व्यवस्था की इससे बुरी दशा नहीं हो सकती।
विपक्ष के बयानों के बीच अमृतसर के पुलिस आयुक्त गुरप्रीत सिंह भुल्लर ने घटनास्थल का दौरा करने के बाद दावा किया कि सुखबीर सिंह बादल के लिए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी थी जिसमें एआईजी स्तर के एक अधिकारी, 2 एसपी, 2 डीएसपी और पौने 200 के करीब पुलिस बल तैनात हैं। पुलिस कर्मी अलर्ट थे उसी वजह से वारदात असफल हुई। इसमें नारायण सिंह चौड़ा (हमलावर) जिसका पुराना आपराधिक रिकॉर्ड है उसे गिरफ्तार किया गया। आरोपित कल भी यहां माथा टेकने के लिए आया था। मामला दर्ज कर हर एंगल से जांच की जा रही है। पूछताछ के बाद काफी बातें स्पष्ट होंगी।
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