अमेरिका में इन दिनों डीईआई अर्थात विविधता, समानता और समावेशी (Diversity, Equity, and Inclusion) को लेकर बहस चल रही है। और बहस अब तेज होती जा रही है। जहां एक अध्ययन में यह स्पष्ट हुआ है कि कैसे ये अध्ययन समाज में समानता लाने के स्थान पर समाज में वैमनस्यता और विद्वेष पैदा कर रहे हैं तो वहीं यह भी स्पष्ट हुआ है कि ये प्रशिक्षण कार्यक्रम सामान्य घटनाओं को भी उत्पीड़क और शोषक बना देते हैं और हिंदुओं उसमें भी विशेषकर ब्राह्मणों के विरुद्ध तो वह खतरनाक विमर्श पैदा कर रहे हैं।
इसे लेकर अमेरिका में बड़े कॉर्पोरेट्स में भी ऐसी ही नीतियाँ लागू की गई हैं। गाहे-बगाहे इन नीतियों पर चर्चाएं होती रहती थीं। और यह भी बातें होती थीं कि क्या वास्तव में ये प्रभावी हैं या नहीं? अब अमेरिका में कई कंपनियां हैं, जो इन नीतियों से हाथ पीछे खींच रही हैं। ये ऐसा क्यों कर रही हैं, इसके विषय में भी चर्चा होनी चाहिए। हाल ही में वालमार्ट ने अपने यहाँ पर डीईआई कार्यक्रमों को बंद करने का निर्णय लिया है।
इससे पहले टोयोटा, फॉरद, जॉन डीयर और बोइंग जैसे संस्थान डीईआई नीतियों को वापस लेने का निर्णय कर चुके हैं और इसकी घोषणा भी कर चुके हैं। वालमार्ट ने 25 नवंबर को यह घोषणा की कि वह अपने यहाँ पर डीईआई नीतियों को समाप्त करेगी।
ये सभी कॉर्पोरेशन्स कथित वोक पहलों को रोक रहे हैं। फॉक्सबिसनेस के अनुसार वोक विरोधी कार्यकर्ता और फिल्म निर्माता रॉबी स्टारबक ने सोमवार को एक्स पर पोस्ट लिखा था कि उन्होनें वालमार्ट के अधिकारियों को पिछले सप्ताह चेतावनी दी थी कि वह रीटेल जाइअन्ट में वोकनेस पर एक स्टोरी करेंगे।
बहुत सारे ऐसे उत्पाद हैं, जो लैंगिक पहचान को लेकर बच्चों में भ्रम उत्पन्न करते हैं और उन्हें वालमार्ट में डिस्प्ले में रखा जाता है। इसे लेकर आम लोगों ने भी आपत्ति व्यक्त की थी। वालमार्ट ने ये उत्पाद अब डिस्प्ले से हटा लिए हैं। हालांकि वालमार्ट का यह कहना है कि यह रॉबी स्टारबक के साथ बातचीत का नतीजा नहीं है, बल्कि ये परिवर्तन काफी पहले ही किये जा चुके हैं।
कंपनी ने कहा कि कुछ उत्पाद जो उनकी कंपनी की नीतियों का उल्लंघन करते थे, उन्हें हटाया जा चुका है। जैसे कि बच्चों के सामने मार्केटिंग करते समय चेस्ट बाइंडर उत्पाद, जो वक्ष को सपाट करने के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं।
फॉक्स के अनुसार कंपनी ने यह भी पुष्टि की कि वह सामुदायिक घटनाओं में अनुदान देने की भी समीक्षा करेगा जिससे कि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बच्चों के लिए वे एक उचित माहौल दे रहे हैं। हालांकि वालमार्ट ने यह भी कहा कि वह “प्राइड सेलेबरेशन” को पैसे देना जारी रखता रहेगा।
इससे पहले रॉबी स्टारबक ने टोयोटा के वोक एजेंडे का खुलासा एक्स पर किया था कि कैसे वे ऐसे कार्यक्रमों को पैसा दे रहे हैं, जो बच्चों के लिए खतरनाक हैं। उन्होनें लिखा था कि टोयोटा उन कानूनों का विरोध करती है जो बच्चों के लिए लिंग परिवर्तन को प्रतिबंधित करते हैं और साथ ही बच्चों के लिंग परिवर्तन का समर्थन करने वाली संस्थाओं के साथ काम करती है और उन्हें पैसे देती है।
इन खुलासों के बाद टोयोटा ने अपने कर्मचारियों को एक मेमो भेजा था और कहा था कि हालांकि वे एक ऐसे माहौल को प्रोत्साहित करती रहेगी जहां पर विविध विचार फलफूल सकें, मगर कंपनी का मुख्य ध्यान उन गतिविधियों पर होगा जो व्यापार की गुणवत्ता को बेहतर कर सकती हैं।
इससे पहले अगस्त में फोर्ड ने भी वोक डीईआई नीतियों से अपने कदम वापस ले लिए थे। हालांकि इस कदम का विरोध हयूमें राइट्स कैम्पेन नामक संस्था ने किया था। यह वही संस्था है जो कथित एकता और समावेशीकरण के नाम पर वोक एजेंडा चलाती है और बच्चों को उनकी लैंगिक पहचान के प्रति भ्रमित करती है। बच्चों को लिंग परिवर्तन का अधिकार होना चाहिए, इसके लिए आंदोलन करती है।
विविधता, समानता और समावेश के नाम पर समाज को तोड़ने का एजेंडा लगातार चलाया जा रहा था। यह भी बार-बार पाया गया कि ये तमाम नीतियाँ और प्रशिक्षण कार्यक्रम जहां उन कर्मचारियों के बीच उस पहचान को लेकर भेद उत्पन्न कर रहे हैं, जो पहचान वे सालों पहले अपने मूल देश में छोड़ आए होते हैं तो वहीं इन कार्यक्रमों के अंतर्गत ऐसे आयोजनों को फंडिंग की जाती है, जो न केवल समाज के लिए बल्कि बच्चों की लैंगिक पहचान के प्रति भी हानिकारक हैं।
धीरे-धीरे अमेरिका के बड़े कॉर्पोरेट्स इन नीतियों से खुद को अलग कर रहे हैं। वालमार्ट इनमें सबसे नया नाम है। वालमार्ट के इस निर्णय के बाद वोकिज़्म के खिलाफ आवाज उठा रहे रॉबी स्टारबक ने कहा कि वे तब तक नहीं रुकेंगे, जब तक कि वोकनेस अतीत का हिस्सा नहीं हो जाती। यह भी देखना महत्वपूर्ण होगा कि क्या अकादमिक स्तर पर चल रही वोक गतिविधियों को कॉर्पोरेट्स से फंडिंग मिलना जारी रहता है या फिर वे भी ऐसे ही लगातार कम होंगी।
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